
- रोमन शैली में बनी शानदार इमारत है संत मरिया महागिरजाघर

Ranchi : रांची स्थित संत मरिया महागिरजाघर को जोड़ा गिरजाघर के नाम से भी लोग जानते हैं. मिशन चौक पर रोमन शैली में बनी इस गिरजाघर की शानदार इमारत सौ साल से भी ज्यादा पुरानी है. इस इमारत में दो गुंबज हैं और ईटों से बनी लाल रंग की यह इमारत सभी को अपनी ओर खींचती है.
रांची का सबसे बड़ा गिरजाघर
गिरजाघर की इमारत 1909 में बनकर तैयार हुई थी. यह राजधानी रांची और आसपास के इलाके का सबसे विशाल गिरजाघर है. पर यह थोड़ा अजीब बात है कि रांची में रोमन कैथोलिक विश्वासियों के लिए यह गिरजाघर काफी बाद में बना उससे पहले ही खूंटी सहित आसपास के क्षेत्रों में कई गिरजाघर बन चुके थे. मनरेसा हाउस रांची के रेक्टर फादर सिल्समैन ग्रॉसजेन ने इस गिरजाघर का नक्शा बेल्जियम में बनवाया था.इसकी व आर्चबिशप म्यूलमैन ने 20 मई 1906 में रखी थी. इसका निर्माण 1909 में हुआ. उसी साल 3 अक्तूबर 1909 को ढाका के आर्चबिशप हर्थ ने इसका उद्घाटन किया.
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दो घंटाघर हैं इस गिरजाघर में
इस गिरजाघर की लंबाई 61 मीटर है. ऊंचाई 35 मीटर और चौड़ाई 36 मीटर है. इसमें दो घंटाघर है. रोमन शैली की इस इमारत में भव्यता और सरलता दोनों का ही मिश्रण है. बता दें कि रोमन शैली का आरंभ 1000 ईस्वी में हुआ था.
इसमें खिड़कियों, मेहराबों तथा दरवाजों का ऊपरी भाग अर्धवृताकार स्वरूप का हो जाता है. इस शैली में गिरजाघरों का मूल खाका क्रूस की आकृति का है.
इस गिरजाघर की दीवारें काफी मोटी है. खिड़कियां छोटी है जिनमें पारदर्शी शीशे लगे हैं. इस गिरजाघर में लगी घंटी की आवाज काफी दूर तक सुनायी देती है. पहले आसपास के लोग इसकी घंटी की आवाज से ही समय का अनुमान लगाते थे.
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