
19 मई तक झारखंड से बाहर रखने को भी कहा गया, नहीं मानने पर अंजाम भुगतने की धमकी
गिरिडीह के अधिवक्ता के लेटरपैड पर भेजी गई चिट्ठी
Ranchi: लोकसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और जेवीएम सुप्रीमो को धमकी दी गई है. कोडरमा से महागठबंधन उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी को माओवादियों ने धमकी भरा पत्र भेजा है.
माओवादियों के नाम से भेजे गए इस पत्र में लिखा गया है कि लोकसभा चुनाव में झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी को बैठा दें और 19 मई 2019 तक झारखंड बाहर रखें.
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इसका पालन करें अन्यथा आप को कोडरमा कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव की तरह सरेआम वाहन समेत उड़ा दिया जाएगा. पत्र भेजने के लिए गिरिडीह के रहने वाले अधिवक्ता अविनाश सिन्हा के लेटरपेड का इस्तेमाल किया गया है.
चुनाव में बीजेपी और भाकपा माओवादी के बीच समझौते की लिखी गई बात
बाबूलाल मरांडी को माओवादियों के नाम से भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि संगठन के साथ झारखंड में लोकसभा की कुल 14 सीटों को लेकर भारतीय जनता पार्टी अध्यक्ष अमित शाह जी एवं झारखंड मुख्यमंत्री रघुवर भैया के साथ समझौता हुआ है.
समझौते में भारतीय जनता पार्टी का प्रत्याशी के पक्ष में ऐतिहासिक जीत दर्ज करवाने का जिम्मा भाकपा माओवादी संगठन को मिला है. इसे अत्यावश्यक समझें.
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वाहन समेत उड़ाने की दी गई है धमकी
बाबूलाल मरांडी को भेजे गए इस पत्र में ये भी लिखा गया है कि 23 अप्रैल 2019 से लेकर 19 मई 2019 तक झारखंड में रहने के लिए प्रतिबंध है. इसके अलावा संगठन की ओर से आपको 48 घंटे का समय दिया जा रहा है.
और निर्देश दिया जाता है इस निर्धारित समय में 17 वीं लोकसभा चुनाव झारखंड में अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा के प्रत्याशी को बैठा दें और 19 मई 2019 तक झारखंड से बाहर रखें. इसे पालन करें अन्यथा आपको कोडरमा कांग्रेस जिला अध्यक्ष शंकर यादव की तरह सरेआम वाहन समेत उड़ा दिया जाएगा.
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नक्सलियों के निशाने पर रहा है मेरा परिवार-मरांडी
सोमवार को डाक द्वारा मिले पत्र के बाद मंगलवार को झाविमो सुप्रीमो मंराडी ने अपने आवास में प्रेस वार्ता कर कहा कि नक्सली संगठन के निशाने पर वह और उनका परिवार हमेशा रहा है.
उनके बेटे की हत्या भी नक्सलियों ने ही की थी. वहीं 12 सालों बाद एक बार फिर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली है.
मंराडी से यह पूछे जाने पर कि नक्सलियों ने जो पत्र लिखा है आखिर उसका कारण क्या है, इस पर मंराडी का जवाब रहा कि भाजपा नहीं चाहती कि वह चुनाव लड़े.
झाविमो सुप्रीमो मंराडी ने यह भी कहा कि सूबे के रघुवर सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ वह शुरु से बोलते रहे हैं. नीतियों के खिलाफ सवाल उठाने पर ही राज्य सरकार ने सुरक्षा में कमी की है. जबकि उन्हें जेड प्लस की सुरक्षा मिली है.
यह पूछने पर कि सरकार द्वारा सुरक्षा मिली है. उस पर कितना संतुष्ट है के जवाब में मंराडी ने कहा कि सुरक्षा को लेकर वह नहीं बोलना चाहते है. और ना ही अब सुरक्षा की मांग करने जा रहे है. जो फैसला लेना है वह राज्य सरकार को लेना है.
मिली हुई है जेड प्लस सुरक्षा- एसपी
इस बीच मामले को लेकर एसपी सुरेन्द्र झा ने प्रेसवार्ता कर कहा कि झाविमो सुप्रीमो को पहले से ही जेड प्लस की सुरक्षा मिली हुई है. उन्हें मिली धमकी पर गिरिडीह पुलिस को चिंता करना जरुरी नहीं समझ रही है.
एसपी झा ने यह भी कहा कि यह किसी नक्सली संगठन की हरकत नहीं है. अब तक कई पत्र ऐसे नामों से जारी हो चुके हैं. गिरिडीह पुलिस एसआईटी टीम गठित कर पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है.
वैसे अब तक की जांच में यह स्पष्ट हो चुका है कि यह किसी अर्धविक्षिप्त का काम है. लगातार ऐसे पत्राचार के बाद सिर्फ यही कहा जा सकता है कि जिनके नाम का इस्तेमाल कर नक्सली संगठन के नाम पर पत्र लिखा जा रहा है. प्रेसववार्ता में डीएसपी नवीन सिंह और नगर थाना प्रभारी आदिकांत महतो भी मौजूद थे.