
Jamshedpur: जमशेदपुर के मनप्रीत हत्याकांड में गिरफ्तार किए गए आरोपियों द्वारा पुलिस को जो बयान दिया गया है उसे पुलिस संदिग्ध मान रही है. शुक्रवार को पुलिस कप्तान डॉ एम तमिल वाणन ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि घटना से थोड़ी देर पहले मनप्रीत अपने एक अन्य साथी के साथ उसके पास आया था और सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में हुए फायरिंग मामले में उसपर प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर बकझक करने लगा. इसी दौरान मनप्रीत ने अपने पास से पिस्टल निकाली और फायर कर दी. वह किसी तरह वहां से भाग गया और मनप्रीत भी अपने घर चला गया. राहुल अपने अन्य साथियों के साथ मनप्रीत के घर पहुंचा जहां दरवाजा तोड़कर अंदर घुसते ही मनप्रीत ने पहले उनपर फायरिंग कर दी.
एसएसपी का कहना है कि इस घटना को सिर्फ मनप्रीत की मां सोनी कौर द्वारा देखा गया पर सोनी ने मनप्रीत द्वारा फायरिंग करने का जिक्र नहीं किया है. वहीं घटनास्थल से जो मैग्जीन बरामद की गई है वह भी जब्त हथियार की नहीं है. हो सकता है कि मनप्रीत के पास हथियार हो और मैग्जीन उसी हथियार की हो.
पूरन घटना में शामिल नहीं – एसएसपी
एसएसपी के अनुसार पूरन के घटना में शामिल होने की पुष्टि नहीं हुई है. घटना के समय राहुल, अक्षय और गौरव घर के अंदर घुसे थे जबकि नवीन और दो अन्य घर के बाहर रेकी कर रहे थे. वहीं मनप्रीत की मां के अनुसार घटना में पूरन भी शामिल था. सीसीटीवी में भी पूरन की गतिविधि देखी गई है.


सीतारामडेरा में फायरिंग को लेकर शुरू हुआ विवाद
एसएसपी ने बताया कि सीतारामडेरा थाना क्षेत्र में गैस एजेंसी के मालिक राहुल गुप्ता के घर के बाहर फायरिंग करने के मामले में पुलिस ने मनप्रीत को जेल भेजा था. इसी मामले में नाम आने से मनप्रीत खफा था. उसने राहुल के भाई गौरव गुप्ता को निशाना बनाया था पर गौरव के साथी राहुल के साथ विवाद होने पर मनप्रीत ने पहले उसपर फायरिंग की. एसएसपी के अनुसार पूर्व में मनप्रीत भी एक ही गैंग की हिस्सा था पर किसी कारण वह गैंग से अलग हो गया.



