
Kolkata : पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के बीच रिश्तों में दरार कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है. ममता बनर्जी अब जगदीप धनखड़ को हर हाल में प्रदेश से बाहर का रास्ता दिखाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि मैंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल को हटाने के लिए तीन पत्र लिखे हैं. वह एक भ्रष्ट आदमी है, उसका नाम 1996 में हवाला जैन मामले की चार्जशीट में था.
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पश्चिम बंगाल की सत्ता पर तृणमूल कांग्रेस के लगातार तीसरी बार काबिज होने के बाद जगदीप धनखड़ और ममता बनर्जी की लड़ाई और तेज हो गयी है. बहुमत के साथ सत्ता में लौटी तृणमूल कांग्रेस जल्द से जल्द जगदीप धनखड़ को बंगाल से रुखसत करना चाहती है.




मामले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ममता ने इस मामले में बंगाल विधानसभा के अध्यक्ष विमान बनर्जी से पहले ही बात कर ली है.
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बंगाल विधानसभा के स्पीकर ने भी की है शिकायत
विधानसभा के स्पीकर विमान बनर्जी ने इस सप्ताह के शुरू में ही लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला से जगदीप धनखड़ की शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि राज्यपाल सदन के कामकाज में अत्यधिक दखलंदाजी कर रहे हैं.
खुद ममता बनर्जी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख चुकी हैं कि जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के पद से हटाया जाये.
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ऐसे होती है राज्यपाल की नियुक्ति
संविधान के अनुच्छेद 155 और 156 राज्यपाल को राज्य में केंद्र सरकार का प्रतिनिधि नियुक्त करता है. संविधान के अनुच्छेद 74 में कहा गया है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल की मदद करने और उन्हें सलाह देने के लिए राष्ट्रपति बाध्य हैं.
इसका अर्थ यह हुआ कि केंद्र में शासन करने वाली पार्टी राष्ट्रपति के माध्यम से किसी भी राज्य में अपनी पसंद का राज्यपाल नियुक्त कर सकती है.
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