
Ranchi: मंदिरों का गांव के नाम से मशहूर झारखंड के दुमका जिला स्थित मलूटी गांव फिर से संवरने लगा है. 400 साल पुराने 108 मंदिर, जो उपेक्षा से अस्तित्व खोने के कगार पर पहुंच चुके थे अब पुरानी रंगत में लौटने लगे हैं. इंडियन ट्रस्ट फॉर रूरल हेरिटेज एंड डेवलपमेंट (आईटीआरएचडी) मंदिरों के जीर्णोद्धार के प्रति प्रयासरत है. 6 सालों में मलूटी के 20 मंदिरों जीर्णोद्धार हो चुका है. अब 42 मंदिर बचे हुए हैं. जिनका जीर्णोद्धार होना है. इसके लिए 6.75 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है.

इससे पहले इन 20 मंदिरों के जीर्णोद्धार में कुल 3.25 करोड़ रुपए खर्च हुए है. उक्त जानकारी आईटीआरएचडी के इंचार्ज एसडी सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि यहां पर कुल 108 मंदिर थे. 6 साल पहले जब वे मंदिरों के सरंक्षण के लिए मलूटी पहुंचे तो उन्होने सभी मंदिरों को खंडहर स्थिति में पाया था. वहीं 46 मंदिरों को जमीन में धंसा पाया, जिनका जीर्णोद्धार करना नामुमकिन था. ऐसे में 62 मंदिर ही सरंक्षण के लिए चयनित किए गए, जिनमें से 20 मंदिरों का जीर्णोद्धार हो चुका है.

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घरों से अधिक मंदिर बसे हुए थे
आपको बता दें कि मलूटी हमारे देश का एक ऐसा गांव है,जहां पर घरों से अधिक मंदिर थे. यहां कुल 108 मंदिर थे, जिसमें 90 प्रतिशत मंदिरों में शिवलिंग स्थापित किए गए थे. ऐसे में इसे गुप्तकाशी भी कहा जाता है. इन मंदिरों का निर्माण किसान से राजा बने बाज बसंत ने साल 1720 – साल 1840 के बीच करवाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहल राज्य सरकार कर रही है संरक्षित
एसडी सिंह ने बताया कि वर्ष 2015 में दिल्ली में पुरानी विरासत को लेकर एक प्रदर्शनी लगी हुई थी. प्रदर्शनी में मलूटी की झांकी को दूसरा स्थान मिला. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजर इस पर पड़ी. ऐसे में दो अक्तूबर 2015 को प्रधानमंत्री ने जीर्णोद्धार कार्य का ऑनलाइन शिलान्यास किया था. उनके पहल पर राज्य सरकार ने इसे संरक्षित करने का काम शुरू किया. इसके लिए आईटीआरएचडी के साथ एमओयू हुआ.
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सभी मंदिरों को आकर्षक उनके दीवारों पर बनाई जा रही है टेराकोटा की कलाकृतियां
एसडी सिंह ने बताया कि मलूटी गांव को पर्यटन स्थल बनाने की भरसक कोशिश की जा रही है. इसके लिए सभी मंदिरों के दीवारों पर टेराकोटा की कलाकृतियां बना कर उसे आकर्षक बनाने का काम किया जा रहा है. ऐसे में सभी मंदिरों की दीवारों पर महिषासुर वध, राम- रावण वध, चीर- हरण, लंका-दहन जैसी कलाकृतियों बनाई गई है.