
Ranchi: मेदिनीनगर वन प्रमंडल के कुंदरी प्रक्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी जितेंद्र कुमार हाजरा और दो वनरक्षी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के प्रस्ताव को जनवरी 2021 में सीएम ने स्वीकृति दी थी. इसके बाद 21 जून 2022 को सीआईडी जांच का आदेश दिया गया. जितेंद्र हाजरा के खिलाफ माफियाओं की मिलीभगत से 15 हेक्टयर से ज्यादा वनभूमि से लगभग 535 पेड़ों का अवैध कटान करने और अन्य आऱोप है. पांकी थाना में 31 जनवरी 2022 को आईपीसी की धारा 420,409,379,120बी, 168 और भारतीय वन अधिनियम 33,41 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी. वन संरक्षक राम सूरत प्रसाद के दिये आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. जिसमें कुंदरी प्रक्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी जितेंद्र कुमार हाजरा, वनरक्षी महराज सिंह और मोहाफिज अंसारी का नाम शामिल है. वनरक्षी महराज सिंह सेवानिवृत हो चुके है. 27 अप्रैल 2020 में बड़े पैमाने पर पेड़ कटने के बाद आरोपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया. मामले की उच्चस्तरीय जांच की गयी थी.
इसे भी पढ़ें : राष्ट्रपति चुनाव : भाजपा का ट्रंप कार्ड झामुमो के लिए बनी गले की फांस
चार साल तैनात रहे कुंदरी प्रक्षेत्र में


कुंदरी प्रक्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी जितेंद्र कुमार हाजरा 25 जून 2018 को योगदान दिया था. 12 अगस्त 2021 तक कुंदरी प्रक्षेत्र में तैनात रहे. कुंदरी प्रक्षेत्र के वन क्षेत्र पदाधिकारी जितेंद्र कुमार हाजरा, वनरक्षी महराज सिंह और मोहाफिज अंसारी पर वन वाद भी दायर है. तीनो आरोपी पर विभागीय कार्रवाई चल रही है, थाने में दिये आवेदन में बताया गया है कि आरोपी ने वन माफिया की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर लकड़ी की तस्करी की है. जितेद्र हाजरा सहित अन्य पर आरोप है कि मामले की सूचना वरीय अधिकारी को देने के बदले गुमराह किया गया.


इसे भी पढ़ें : फिल्मी दुनिया में एंट्री के लिए तैयार MS धौनी, साउथ सुपरस्टार के साथ करेंगे डेब्यू