
Latehar: लंदन (ब्रिटेन) निवासी हैन्ना कन 9000 किलोमीटर की साइकिल यात्रा कर लातेहार पहुंचीं. वह वियतनाम, थाइलैंड, बर्मा, बांग्लादेश होते हुए यहां आयीं. दुनिया में इंसानियत का संदेश देने के लिए करीब एक साल पहले उन्होंने यह यात्रा शुरू की थी.
हैन्ना के साथ रांची से कनसका पोद्दार पहुंचे थे जो लातेहार से ब्रिटिश महिला की विदाई के बाद लौट गये. हैन्ना ने बताया कि वह प्रतिदिन 100 किलोमीटर की यात्रा साइकिल से करती हैं.
गुरुवार रात लातेहार पहुंचीं तो आश्रय के लिए भटक रही थीं. प्रखंड विकास पदाधिकारी गणेश रजक को जानकारी मिली तो उन्होंने उन्हें सर्किट हाउस में रुकवाया.


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भाषा से परेशानी नहीं
ब्रिटिश महिला ने कहा कि इंसान की भाषा सारी धरती में एक है. भाषा हमारे लिए कहीं बाधक नहीं बनी. उन्होंने बताया कि वियतनाम, बर्मा सहित हर देश बहुत अच्छे हैं.
बांग्लादेश प्राकृतिक सौंदर्य से भरा है पर इंसानों में थोड़ी कमी है. भारत इंसानियत का जीता-जागता उदाहरण है. यहां के लोग सहयोग करते हैं.
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दादा भारतीय थे
व्यक्तिगत जीवन के बारे में पूछने के पर उन्होंने बताया कि उनके दादा रविंद्र नाथ बनर्जी कोलकाता के थे. दादी लंदन की थीं. वह सपरिवार लंदन में रहती हैं. 1960 में उनकी दादी कोलकाता में रही हैं.
हैन्ना पशु प्रेमी हैं और पूरी तरह वीगन हैं. यानी मांस तो दूर, वह पशुओं से प्राप्त होने वाली अन्य वस्तुओं जैसे दूध और मधु आदि भी ग्रहण नहीं करतीं. वह लोगों से अपील करती हैं इंसान प्रकृति से प्रेम करें.
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