
New Delhi : देश भर में लॉकडाउन के बाद देश के विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर और रोज कमानेवाले लोगों के सामने विषम संकट है. अफरातफरी के माहौल में उन्हें जब कोई रास्ता नहीं सूझा तो वे अपने-अपने घर जाने को निकल पड़े.
बसों औऱ रेल सेवा के बंद रहने के कारण वे कहीं जा भी नहीं पा रहे हैं. कुछ लोगों ने हिम्मत दिखात हुए पैदल ही घर की राह पकड़ ली. पिछले कुछ दिनों से उनकी हृदय विदारक तस्वीरें सामने आ रही हैं.
लेकिन लॉकडाउन के मकसद को पूरा होता न देख केंद्र सरकार ने कड़ा फैसला किया है. उसने कहा है कि
लॉकडाउन का पालन करवाना डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट और एसपी की जिम्मेदारी है.
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लॉकडाउन का पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई
केंद्र सरकार की तरफ से आदेश दिया गया है कि सभी राज्यों और जिलों की सीमाएं सील कर दी जायें और बाहर से आनेवाले लोगों को सीमाओं पर ही कैंपों में रखा जाये.
केंद्र सरकार ने यह भी कहा है कि काम करने आनेवाले मजदूरों के रहने का इंतजाम किया जाये और उनको समय से भुगतान किया जाये. सरकार ने कहा कि आदेश को न माननेवालों पर कड़ी कार्रवाई होगी.
बॉर्डर पर जमा थे हजारों लोग
दिल्ली की सीमा पर बसों के इंतजार में हजारों लोग जमा थे. ऐसे ही नजारे देश के औऱ भी कई हिस्सों में देखने को मिले थे. उसके बाद केंद्र सरकार ने कहा है कि शहरों से लोगों को हाइवे पर आने से रोका जाये.
शनिवार से दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में भारी भीड़ देखी गयी. वहीं कई लोग पैदल ही सैकड़ों किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए निकल पड़े.
मजदूरों के इस पलायन की गूंज सियासी गलियारे में भी सुनाई पड़ी. बिहार सरकार ने पहले ही कह दिया है कि बाहर से आनेवाले लोगों को सीमा पर ही रोका जायेगा और वहीं रुकने की सुविधाएं दी जायेंगी.
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जो जहां हैं, वहीं रहें
केंद्र सरकार ने कहा है कि लोग हाइवे पर न निकलें और जहां हैं वहीं रहें. सरकार ने राज्यों को आदेश दिया है कि लोगों के खाने और रहने का प्रबंध किया जाये.
इसका मकसद यह है कि यदि कोई संक्रमित व्यक्ति गांव तक पहुंच जाता है, तो उसका असर पूरे गांव पर पड़ सकताहै. इससे गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
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