
Palamu : लॉकडाउन का व्यापक असर परिवहन सेवा पर पड़ा है. पूरे देश में मजदूर कैद होकर रह गये हैं. पलामू जिले के मजदूर भी इससे अछूते नहीं हैं. जिले के मजदूर तेलंगाना और वर्धा इलाके में पिछले कई दिनों से फंसे हुए हैं. जबकि पश्चिम बंगाल के फेरीवाले पलामू में फंस कर रह गये हैं.
पलामू के मजदूरों ने तेलंगाना सरकार के साथ-साथ झारखंड सरकार से मदद की अपील की है. मजदूरों के समक्ष आर्थिक के साथ-साथ खाने पीने का संकट बना हुआ है. इधर, मेदिनीनगर के मुस्लिम नगर में पिछले 20 मार्च से बंगाल के चार दर्जन से अधिक फेरीवाले फंस कर रह गये हैं. वे बंगाल जाने के प्रयास में हैं, लेकिन उन्हें कोई साधन नहीं मिल रहा है. मजदूरों ने बंगाल और झारखंड सरकार से उन्हें घर वापस पहुंचा देने की गुहार लगायी है.
इसे भी पढ़ें – नोएडा की रिहाइशी सोसायटी में एक दिन में मिले 5 कोरोना पॉजिटिव केस, सील किये गये दो इलाके
चैनपुर के हरिनामांड़ के हैं मजदूर
पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड के खुरा कला हरिनामांड़ से अलग-अलग मजदूरों की टीम आंध्र प्रदेश के रामागुनडम एनटीपीसी के प्लांट और नागपुर के वर्धा में चल रहे सड़क निर्माण में मजदूरी करने गयी थी. रामागुनडम में 30, जबकि वर्धा में 15 से 20 मजदूर लॉकडाउन के बाद फंस कर रह गये हैं.
तेलंगाना सरकार के साथ-साथ झारखंड सरकार से सकुशल घर भेजने की अपील मजदूर और उनके परिजन कर रहे हैं. परिजनों ने इस सिलसिले में पलामू के उपायुक्त को मैसेज भी किया है. मजदूरों की पूरी लिस्ट भेजी है. प्रशासन ने मजदूरों के परिजनों को आश्वासन दिया है.
इसे भी पढ़ें – झारखंड सरकार ने मजदूरों की सहायता के लिए शुरू किया टोल फ्री नम्बर, 5 घंटे में 10,000 मजदूर हुए पंजीकृत
प्लास्टिक के सामान बेचते हैं बंगाल से आये फेरीवाले

मेदिनीनगर में पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के कलिया चक के रहनेवाले चार दर्जन फेरीवाले फंसे हुए हैं. ये सभी पहाड़ी मुहल्ला के नूरी मस्जिद के सामने रह रहे हैं. इनके साथ 5 बच्चे भी हैं. सारे लोग प्लास्टिक का सामान फेरी लगा कर बेचा करते थे. उन्होंने बताया कि उनके पास जमा पैसे खत्म हो गये हैं. काम धंधा बंद रहने के कारण खाद्यान्न का संकट बन आया है. आपदा के तहत जो चावल दाल मिल रहा है, उसी को खाकर किसी तरह रह रहे हैं.
इसे भी पढ़ें – #IAS सुखदेव सिंह बने झारखंड के नये मुख्य सचिव, राजीव अरुण एक्का होंगे सीएम के प्रधान सचिव