Mumbai: देश में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बार फिर से 19 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गयी है. पीएम मोदी ने 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे इस बात की घोषणा की है.
वहीं लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने पर देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने का भी डर सामने आ रहा है. ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने से देश को 234.4 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा. इसके चलते कैलेंडर वर्ष 2020 में जीडीपी बिना किसी घट बढ़ के स्थिर रह सकती है.
पहले 120 अरब अमरीकी डालर के नुकसान की जतायी थी आशंका
बार्कलेज ने एक टिप्पणी में कहा कि आर्थिक वृद्धि कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए शून्य होगी और वित्त वर्ष के नजरिये से देखा जाए तो 2020-21 में इसमें 0.8 फीसदी वृद्धि ही होगी.
ब्रोकरेज फर्म ने पहले कहा था कि तीन सप्ताह के लॉकडाउन में 120 अरब अमरीकी डालर का अर्थिक नुकसान होने की आशंका है, जिसके अब बढ़कर 234.4 अरब अमरीकी डालर तक का होने का अनुमान है.
इससे पहले उम्मीद की जा रही थी कि भारत कैलेंडर वर्ष 2020 में ढाई प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जिसे अब घटाकर शून्य कर दिया गया है. दूसरी ओर वित्त वर्ष 2020-21 में पहले 3.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जिसे अब घटाकर 0.8 प्रतिशत कर दिया गया है.
Mumbai: देश में कोरोना महामारी के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बार फिर से 19 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गयी है. पीएम मोदी ने 14 अप्रैल को सुबह 10 बजे इस बात की घोषणा की है.
वहीं लॉकडाउन की अवधि बढ़ाये जाने पर देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ने का भी डर सामने आ रहा है. ब्रिटिश ब्रोकरेज फर्म बार्कलेज ने मंगलवार को कहा है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाने से देश को 234.4 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान होगा. इसके चलते कैलेंडर वर्ष 2020 में जीडीपी बिना किसी घट बढ़ के स्थिर रह सकती है.
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पहले 120 अरब अमरीकी डालर के नुकसान की जतायी थी आशंका
बार्कलेज ने एक टिप्पणी में कहा कि आर्थिक वृद्धि कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए शून्य होगी और वित्त वर्ष के नजरिये से देखा जाए तो 2020-21 में इसमें 0.8 फीसदी वृद्धि ही होगी.
ब्रोकरेज फर्म ने पहले कहा था कि तीन सप्ताह के लॉकडाउन में 120 अरब अमरीकी डालर का अर्थिक नुकसान होने की आशंका है, जिसके अब बढ़कर 234.4 अरब अमरीकी डालर तक का होने का अनुमान है.
इससे पहले उम्मीद की जा रही थी कि भारत कैलेंडर वर्ष 2020 में ढाई प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा, जिसे अब घटाकर शून्य कर दिया गया है. दूसरी ओर वित्त वर्ष 2020-21 में पहले 3.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया गया था, जिसे अब घटाकर 0.8 प्रतिशत कर दिया गया है.
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खनन-कृषि जैसे क्षेत्रों में देखने को मिलेगा अधिक नकारात्मक असर
टिप्पणी में कहा गया है कि विशेष रूप से खनन, कृषि, विनिर्माण और उपयोगिता क्षेत्रों पर अनुमान से अधिक नकारात्मक असर देखने को मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीन सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने का ऐलान किया, जो अब तीन मई तक लागू होगा.
उन्होंने संक्रमण से अप्रभावित रहने वाले क्षेत्रों को 20 अप्रैल से कुछ राहत देने का संकेत दिया, लेकिन कहा कि यह छूट सख्त निगरानी पर आधारित होगी.
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