
Ranchi : स्थानीय लोगों के विरोध को दरकिनार कर राजधानी रांची में निर्माणधीन पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी लाइट हाउस प्रोजेक्ट का काम प्रशासन ने भारी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच फिर से शुरू करवाया है. धुर्वा थाना क्षेत्र स्थित पंचमुखी मंदिर के पीछे मित्र मंडल मैदान व इसके आसपास बनने वाले इस परियोजना का स्थानीय लोग शिलान्यास के समय से ही विरोध कर रहे हैं. मंगलवार को स्थानीय लोगों के विरोध के मद्देनजर काम शुरू करते ही प्रशासन ने पूरे इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. फिलहाल, मौके पर शांतिपूर्ण तरीके से काम चल रहा है.
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पहले बीते 20 फरवरी को इस स्थान पर लाइट हाउस प्रोजेक्ट निर्माण कार्य शुरू करने की कोशिश की गई थी. तब स्थानीय लोगों के विरोध को देखते हुए काम शुरू नहीं हो पाया था. पुलिस प्रशासन को खाली हाथ लौटना पड़ा था. लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत शहरी गरीबों के लिए अत्याधुनिक तकनीक से 1008 फ्लैट बनाये जाने हैं. लेकिन यहां के लोग इसका विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये प्रोजेक्ट गैर जरूरी है. इस विवाद से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने विशेष तैयारी की है. इसी को लेकर मंगलवार को सुरक्षा के बीच लाइट हाउस प्रोजेक्ट से जुड़े काम शुरू कराने की तैयारी की जा रही है.



इससे पहले 13 जून को जिला प्रशासन के ओर से पत्र जारी किया गया था. कहा गया था कि 15 जून को प्रोजेक्ट स्थल से मिट्टी का सैंपल का कलेक्शन किया जाएगा. इस दौरान स्थानीय लोग विरोध करेंगे, तो उनसे निपटने के लिए कार्यपालक दंडाधिकारियों के नेतृत्व में 400 पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे. इन पुलिस बल के पास लाठी, वॉटर कैनन, वज्रवाहन, अश्रु गैस मौजूद रहेगा. इसके साथ ही मौसी बाड़ी मैदान के समीप एंबुलेंस और अग्निशमन की गाड़ियां भी तैनात रहेगी.



1 जनवरी 2021 को इस प्रोजेक्ट का ऑनलाइन शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली से किया था. 1008 फ्लैट बनाने का काम मुंबई की कंपनी मेसर्स एसजीसी मेजिक्रेट को मिला है, लेकिन कंपनी के लोग पंचमुखी मंदिर में प्रोजेक्ट शुरू करने पहुंचते हैं तो आसपास के लोग विरोध करने लगते हैं.
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लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं. लाइट हाउस प्रोजेक्ट के लिए जिन राज्यों को चुना गया है, उनमें त्रिपुरा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और तमिलनाडु शामिल हैं.
इस प्रोजेक्ट में खास तकनीक का इस्तेमाल कर सस्ते और मजबूत मकान बनाए जाते हैं. इस प्रोजेक्ट में फैक्टरी से ही बीम-कॉलम और पैनल तैयार कर घर बनाने के स्थान पर लाया जाता है, इसका फायदा ये होता है कि निर्माण की अवधि और लागत कम हो जाती है. इसलिए प्रोजेक्ट में खर्च कम आता है. इस प्रोजेक्ट के तहत बने मकान पूरी तरह से भूकंपरोधी होंगे.
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