
Latehar: लातेहार जेल से एक कैदी के परिजनों को धमकी भरे फोन कर रंगदारी मांगने के मामले का खुलासा आंशिक तौर पर हो गया है. जांच में पता चला है कि एक अन्य कैदी अपनी शिफ्टिंग रुकवाने कि लिए वसूली कर रहा था.
उपायुक्त के आदेश पर सदर अनुमंडल पदाधिकारी ने एसडीपीओ एवं सदर अंचलाधिकारी जांच करायी जिसमें इस बात का खुलासा हुआ.
बता दें कि लातेहार मंडल कारा में बंद आरोपी राजेश उरांव ने अपने घरवालों से फोन पर बात कर 12000 रुपये एक दूसरे कैदी के खाते में जमा करवाने को कहा था.
बैंक बंद होने के कारण खाते से लेन-देन की पुष्टि नहीं
वरीय अधिवक्ता सुनील कुमार की शिकायत पर लातेहार उपायुक्त तथा सदर अनुमंडल पदाधिकारी सागर कुमार ने मामले की जांच करायी. पदाधिकारियों ने जेल में जो जांच की पता चला कि बैंक खाता चंद्रशेखर ठाकुर नामक एक बंदी का है जो पिछले कई महीनों से लातेहार जेल में कई अपराधिक मामलों में बंद है.
जांच करने वाले पदाधिकारियों एसडीपीओ वीरेंद्र कुमार राम तथा अंचलाधिकारी हरीश कुमार का कहना है कि मामला तो सही प्रतीत होता है लेकिन बैंक बंद होने की वजह से खाते में लेनदेन की जांच की पुष्टि नहीं हो पा रही है.
उन्होंने आगे कहा कि जांच प्रतिवेदन उपायुक्त को भेजी जायेगी. जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि लातेहार जेल से अन्य जेलों में बंदियों का स्थानांतरण किया जा रहा है जिसे रोकने हेतु नाजायज वसूली करने का प्रयास किया जा रहा है.
मालूम हो क्रोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा बंदियों की अधिकता एवं सोशल डिस्टेंसिंग बहाल करने हेतु उन्हें पिछले 2 सप्ताह से अन्य जेलों में स्थानंतरित किया जा रहा है.
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कौन है बैंक खाता धारक
चन्द्रशेखर ठाकुर जमशेदपुर का रहने वाला है तथा टंडवा में उसकी ससुराल है. महंगे वाहनों को लूटने तथा रोड डकैती के कई मामलों का आरोपी है.
सवाल यह उठ रहा है कि जब वह जेल में बंद है तो अपने बैंक खाते का संचालन कैसे करता है. शक की सूई जेल के अधिकारियों की ओर भी मुड़ रही है क्योंकि यह जेल मैनुअल का खुला उल्लंघन है.
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