
Ranchi: कोल इंडिया के 50 कोल ब्लॉक का निजीकरण केंद्र सरकार करने जा रही है. जिसका विरोध कोयला जगत के सक्रिय मजदूर यूनियन कर रहे हैं. 18 जून को होने जा रहे ऑक्शन का विरोध इंटक, एटक, सीटू, एचएमएस और बीएमएस मजदूर संघ सक्रिय रूप से करेंगे. इसकी रूपरेखा तैयार की जा चुकी है.
इसी को लेकर दरभंगा हाउस के सीटू कार्यालय में सभी सक्रिय मजदूर संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी बात रही. मजदूर संगठनों की ओर से संयुक्त रूप से इंटक प्रमुख जयमंगल सिंह ने बात रखी.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार कमर्शियल माइनिंग के बहाने कोयला उद्योग का निजीकरण कर रही है. केंद्र सरकार की ऐसी मंशा को हम पूरा नहीं होने देंगे.
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सभी मजदूर संगठनों ने मिलकर कार्यक्रम तय किया है. इसके तहत 2 जुलाई से 4 जुलाई तक कोयला उद्योग में हड़ताल की जायेगी. इससे पहले सभी संगठन की ओर से कोल इंडिया की सबऑर्डिनेट कंपनी मुख्यालयों में विरोध प्रदर्शन किया जायेगा.


साथ ही उसी दिन हड़ताल को लेकर चेतावनी नोटिस भी मुख्यालयों में सौंपी जायेगी. चेतावनी नोटिस के साथ ही इस बार के आंदोलन में संयुक्त यूनियन पूरी ताकत के साथ सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोलेगी. 2 जुलाई से प्रस्तावित हड़ताल को सफल बनाने के लिए पिट मीटिंग, नारेबाजी, सभी खदानों में सभी पालियों में की जायेगी. प्रेस वार्ता के दौरान पांच बिंदुओं के साथ मजदूर संगठनों ने अपनी मांग भी रखी.
ये है मजदूर संगठनों की पांच मांगें
– कोयला खानों का निजीकरण वापस ले
– कॉमर्शियल माइनिंग के लिए नीलामी रोका जाये
– सीआइएल से सीएमपीडीआइएल को अलग करने के प्रस्ताव को वापस ले
– ठेकेदारी श्रमिकों को एचपीसी मजदूरी का भुगतान सुनिश्चित करना
– एनसीडब्ल्यूए-6 के अनुसार मेडिकल अनफिट कामगारों के आश्रित को नौकरी दिया जाये
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