
- राशन वितरण में अनियमितता के कई मामले आ चुके हैं राज्यभर में
- कोडरमा उपायुक्त ने आदेश जारी कर दिये कई दिशा-निर्देश
Koderma: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) से उत्पन्न संकट को देखते हुए राज्य के आम जनों को जन वितरण प्रणाली के अंतर्गत ससमय आवश्यक खाद्यान्नों की आपूर्ति की जा रहा है. पीडीएस दुकानों में स्टॉक और लाभुकों तक अनाज पहुंचने की निगरानी के लिए कोडरमा जिले में दुकानस्तरीय सतर्कता समिति गठित की गयी है.
ये है व्यवस्था
जन वितरण प्रणाली के अंर्तगत भारतीय खाद्य निगम के गोदाम से झारखण्ड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के गोदाम तक तथा झारखण्ड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के गोदाम से डोर स्टेप डिलीवरी के माध्यम से जन वितरण प्रणाली दुकानों तक खाद्यान्न की आपूर्ति की जाती है.
खाद्यान्न की आपूर्ति निर्बाध रूप से करने के लिए झारखण्ड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के प्रखण्ड स्तर के गोदामों पर खाद्यान्न का उठाव एवं वितरण की निगरानी हेतु उपायुक्त रमेश घोलप के निर्देश पर प्रखण्ड स्तरीय सर्तकता समिति का गठन किया गया है.
इसे भी पढ़ें : #Corona : IPS के पिता रिटायर्ड डीडीसी की दिल्ली में मौत, 31 मार्च को ब्रेन हैमरेज हुआ था, कोरोना पॉजिटिव पाये गये थे
कौन है प्रखण्ड स्तरीय सर्तकता समिति में
खाद्यान्न की आपूर्ति के लिये गठित समिति में अध्यक्ष के रूप में प्रखण्ड के प्रमुख, सदस्य व सचिव के रूप में प्रखण्ड आपूर्ति पदाधिकारी एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी और इनके अलावा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, प्रखण्ड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी, प्रखण्ड के सभी मुखिया, प्रखण्ड के सभी पंचायत समिति के सदस्य रखे गये हैं. इनके अलावा मनोनीत (सात) व्यक्ति जिनमें एक-एक अनुसूचित जाति व अनुसचित जनजाति व एक महिला हो, को सदस्य के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है.
कम राशन दिये जाने की शिकायत पर समिति के सदस्य के विरुद्ध होगी कार्रवाई
जिले के सभी जन वितरण प्रणाली की प्रत्येक दुकान पर खाद्यान्न की उपलब्धता एवं लाभुकों के बीच ससमय वितरण की व्यापक निगरानी हेतु ‘जन वितरण प्रणाली दुकान स्तरीय सर्तकता समिति’ का गठन किया गया है.
इसमें संबंधित पंचायत के मुखिया अथवा नगर क्षेत्र में संबंधित वार्ड के सदस्य अध्यक्ष होंगे और संबंधित पोषक क्षेत्र के वार्ड सदस्य, संबंधित पोषक क्षेत्र के निकटस्थ मध्य या प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक और संबंधित पोषक क्षेत्र की निकटस्थ आंगनबाडी की सेविका सदस्य होंगे.
उपायुक्त ने सभी संबंधित निगरानी समिति के सदस्यों को निर्देश दिया कि अगर किसी भी दुकान से ज्यादा राशि लिये जाने अथवा कम मात्रा में राशन दिये जाने की शिकायत प्राप्त होती है तो संबंधित निगरानी समिति के सदस्य के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी.
उक्त व्यवस्था के प्रभावी रूप से कार्यान्वयन हेतु तथा जन वितरण प्रणाली अंतर्गत वितरित किये जा रहे खाद्यान्न के क्रम मे हो रही अनियमितताओं पर प्रभावी अंकुश लगाने हेतु संबंधित पोषक क्षेत्र के निकटस्थ मध्य या प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक या शिक्षक को प्रतिनियुक्त किया गया है.
इसे भी पढ़ें : पलामू: रांची से आया युवक क्वारेंटाइन सेंटर में नहीं रहा, दबाव डालने पर शराब पीकर लोगों को पीटा, 11 जख्मी