
NewDelhi : पिछले चार दिनों से दिल्ली कूच करने की कोशिश कर रहे किसान अपने आंदोलन को लेकर अडिग हैं. सोमवार को भी दिल्ली चलो… आंदोलन के तहत हजारों की तादाद में किसान दिल्ली की कई सीमाओं पर जमे हुए हैं और दिल्ली में प्रवेश कर रामलीला ग्राउंड पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, इस क्रम में दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा जमा हैं.दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर गुरुनानक जयंती के मौके पर गुरुवाणी का पाठ किसानों ने किया.
Delhi: Protesting farmers who have gathered at Singhu border (Delhi-Haryana border) offer prayers on the occasion of #GuruNanakJayanti, today. pic.twitter.com/YkXgFJhNTz
— ANI (@ANI) November 30, 2020
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पुलिस ड्रोन कैमरे के जरिए नजर रख रही है
यहां पर पुलिस ड्रोन कैमरे के जरिए नज़र रख रही है.किसानों की ओर से लगातार एक ही है कि खुद पीएम मोदी या गृह मंत्री अमित शाह बात करें और इस मसले का हल निकलवायें.बता दें कि राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा है कि जब किसान आवाज उठाता है, तो उसकी आवाज पूरे देश में गूंजती है.
मोदी सरकार ने किसान पर अत्याचार किए- पहले काले क़ानून फिर चलाए डंडे लेकिन वो भूल गए कि जब किसान आवाज़ उठाता है तो उसकी आवाज़ पूरे देश में गूंजती है।
किसान भाई-बहनों के साथ हो रहे शोषण के ख़िलाफ़ आप भी #SpeakUpForFarmers campaign के माध्यम से जुड़िए। pic.twitter.com/tJ8bry6QWi
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) November 30, 2020
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कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते
नए कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं। मंडियाँ पहले की तरह ही चलती रहेंगी। नए कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है। जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पायेगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर। #FarmBills pic.twitter.com/xRi35CkOTs
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) November 30, 2020
किसानों के प्रदर्शन के बीच सरकार द्वारा लगातार कृषि कानून पर सफाई दी जा रही है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया कि नये कृषि कानून APMC मंडियों को समाप्त नहीं करते हैं. मंडियां पहले की तरह ही चलती रहेंगी.
नये कानून ने किसानों को अपनी फसल कहीं भी बेचने की आज़ादी दी है, जो भी किसानों को सबसे अच्छा दाम देगा वो फसल खरीद पायेगा चाहे वो मंडी में हो या मंडी के बाहर.
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सोमवार सुबह-सुबह किसानों ने नाश्ता बनाया
सिंधु बॉर्डर पर सोमवार सुबह-सुबह किसानों ने नाश्ता बनाया और सभी प्रदर्शनकारियों को दिया. किसानों ने पहले ही ऐलान किया है कि वो चार महीने के राशन के साथ यहां आये हैं दिल्ली पुलिस के अनुसार टिकरी और सिंधु बॉर्डर पर किसी तरह की ट्रैफिक मूवमेंट की इजाजत नहीं है. दिल्ली-हरियाणा के सिंधु बॉर्डर पर सोमवार सुबह भी कड़ाके की ठंड के बीच किसान डटे हुए हैं.
किसानों ने गृहमंत्री अमित शाह की सशर्त बात करने की पेशकश भी ठुकरा दी है, जिसके बाद शाह ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ रविवार देर रात बैठक की है. बैठक में शाह के साथ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मौजूद थे. जानकारी है कि दो घंटे तक चली इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई और सारे हालात की समीक्षा की गयी.
किसान गृहमंत्री की शर्त नहीं मानेंगे
बता दें कि किसानों ने रविवार को अपना इरादा जता दिया कि वे इस बार बिना किसी शर्त के बातचीत से कम कुछ भी मानने को तैयार नहीं हैं. उनकी योजना बॉर्डर पर टिके रहने और दिल्ली पहुंचने की है. रविवार को उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह की सशर्त बात करने की पेशकश भी ठुकरा दी.
खबरों के अनुसार किसानों ने रविवार को अपनी बैठक में तय किया कि किसान गृहमंत्री की शर्त नहीं मानेंगे और रामलीला ग्राउंड जाने की कोशिश करेंगे. दरअसल, अमित शाह ने शनिवार को किसानों के सामने बातचीत का प्रस्ताव रखते हुए शर्त रखी थी कि उन्हें बॉर्डर से हटकर बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड पर जाना होगा.
रविवार की शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों ने कहा कि आने वाले दिनों में दिल्ली में प्रवेश करने वाले सभी पांच प्रवेश बिंदु- सोनीपत, रोहतक, जयपुर, गाज़ियाबाद-हापुड़ और मथुरा- को बंद करेंगे.