
Thiruvanthpuram : केरल में सत्तारूढ़ सीपीआई एम की राज्य इकाई को अब भगवान राम याद आ रहे हैं. खबरों के अनुसार सीपीआई एम इस साल केरल में रामायण महीना की शुभारंभ करने जा रही है. बता दें कि केरल में 17 जुलाई से पारंपरिक रूप से मलयालम महीना कारकीडकम मनाया जाता है. इस क्रम में अधिकतर हिंदू घरों में भगवान राम की पौराणिक कथाएं सुनाये जाने की परंपरा है.
मान्यता है कि पौराणिक कथाएं सुनने से गरीबी दूर होती है और भारी बारिश से होने वाली बीमारियां भी दूर होती हैं. इसी के मद़देनजर सीपीआई एम ने पूरे माह रामायण पाठ की योजना बनाई है. बता दें कि इससे पूर्व केरल में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की शुरुआत की गयी थी.
रामायण महीना के जरिए सीपीआई एम अपनी छवि बदलने की कवायद में


जैसी कि जानकारी है, 15 जुलाई से 15 अगस्त तक केरल के सभी 14 जिलों में संस्कृत संगम संस्था के बैनर तले रामायण पर लेक्चर आयोजित किये जायेंगे. बता दें कि संस्कृत संगम पिछले साल ही गठित हुआ है जिसमें संस्कृत भाषा के लिए लगाव को देखते हुए शिक्षाविद और इतिहासविदों को शामिल किया गया है.


राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि रामायण महीना के आयेाजन के जरिए सीपीआई एम अपनी छवि बदलने की कवायद कर रही है. सीपीआई एम अपने उपर लगे नास्तिक होने का ठप्पा हटाना चाहती है. सीपीआई एम की स्टेट कमेटी के सदस्य वी शिवदासन ने कहा, पार्टी के स्टैंड में कोई बदलाव नहीं आया है.
लोगों के सामने असली राम और असली रामायण को लाया जायेगा
हमसे संस्कृत संगम की कई गतिविधियों में सहयोग करेंगे जो कि एक सेक्युलर और प्रोग्रेसिव फोरम है. उन्होंने कहा कि वह आरएसएस द्वारा संस्कृत और पुराणों को लेकर फैलाये गये गलत अनुमान का विरोध कर रहे हैं. खबरों के अनुसार शिवदासन को पार्टी ने इस मिशन का प्रभार सौंपा है. कहा कि संस्कृत संगम का सीपीआई (एम) से लेना-देना नहीं है. संस्कृत संगम के राज्य संयोजक टी तिलकराज के अनुसार पूरे माह चलने वाले लेक्चर के जरिए लोगों के सामने असली राम और असली रामायण को लाया जायेगा. इसके लिए प्रसिद्ध वक्ताओं की मदद ली जायेगी.
न्यूज विंग एंड्रॉएड ऐप डाउनलोड करने के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक और ट्विटर पेज लाइक कर फॉलो भी कर सकते हैं.