
Shopian : देश में हिंदू-मुस्लिम के बीच वैमनस्यता, विवाद और बेअदबी की खबरें अक्सर चर्चा में रहती है. खासकर कश्मीर में पंडितों के साथ नाइंसाफी की खबरें आम है. इस बीच कश्मीर में ही कश्मीरियत की झलक देखने को मिली. शोपियां में एक कश्मीरी पंडित के शव को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बर्फ के बीच 10 किलोमीटर पैदल चलकर घर तक पहुंचाया. इतना ही नहीं शव के अंतिम संस्कार का पूरा प्रबंध भी किया.
शोपियां जिले के इमामसाहिब इलाके के परगोची गांव में रहने वाले कश्मीरी पंडित भास्कर नाथ का शनिवार की सुबह श्रीनगर के स्किम्स में निधन हो गया. उनका शव एंबुलेंस से शोपियां लाया गया, लेकिन भारी बर्फबारी के कारण एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंची. इस पर भास्कर के परिवार वालों ने पड़ोसी मुस्लिम परिवारों से कहा तो वे सहर्ष तैयार हो गए. उन्होंने शव गांव तक पहुंचाया.
इस दौरान काफी संख्या में मुस्लिमों ने घर पर पहुंचकर शोक जताया. गांव में अंतिम संस्कार में भी जवान, बुजुर्ग व बच्चों ने सहयोग किया. भास्कर के रिश्तेदार शमी लाल ने बताया कि मुस्लिम भी इसी समाज का हिस्सा रहे हैं. 1989 में पंडितों को घाटी छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद भी कुछ पंडित परिवारों ने घाटी नहीं छोड़ी और मुस्लिमों के साथ सगे भाई की तरह रहते आए हैं.
कभी महसूस नहीं हुआ कि वे यहां अल्पसंख्यक हैं। सभी भाईचारे और सौहार्द के साथ रहते आए हैं। गांव के रशीद अहमद ने कहा, हम लोग एक दूसरे के शादी ब्याह और अंतिम संस्कार में शामिल होते हैं। हर सुख-दुख में शामिल होते हैं। यह वैसा ही है जैसा कि एक पड़ोसी को करना चाहिए।