
NewDelhi : सीजेआई रंजन गोगोई ने कर्नाटक विधानसभा में बहुमत परीक्षण से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई के क्रम में सीनियर वकील मुकुल रोहतगी व अभिषेक मनु सिंघवी के हाजिर नहीं रहने पर नाराज हो गये. सीजेआई ने टिप्पणी की कि जब आपको जल्दी होती है, तब आप आधी रात को चले आते हैं. पर जब मैं बुलाता हूं, तो नहीं आते हैं,
जान लें कि दो विधायकों ने फ्लोर टेस्ट को लेकर दायर की गयी याचिका में कहा था कि विधानसभा में विश्वास मत पर वोटिंग के बाद जो फ्लोर टेस्ट था, वह व्यर्थ साबित हुआ, कोर्ट में जब यह मामला कल बुधवार को सुनवाई के लिए आया, तब न तो याचिकाकर्ताओं की ओर से सीनियर वकील मुकुल रोहतगी मौजूद थे और न ही स्पीकर का पक्ष रखने वाले सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी.
याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस लेने की अनुमति


इसके बाद सीजेआई ने कहा कि वह सीनियर वकीलों की गैर-हाजिरी में कोई भी आदेश जारी नहीं करेंगे. ऐसे में मामला गुरुवार को फिर सुनवाई के लिए आया, तो स्पीकर की ओर से वरिष्ठ वकील एएम सिंघवी और पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी की तरफ से राजीव धवन मौजूद थे. हालांकि, मुकुल रोहतगी वहां नहीं थे. इस क्रम में धवन ने कोर्ट को बताया कि चूंकि याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी कोर्ट में नहीं हैं, इसलिए याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका वापस लेने की इच्छा जताई है और प्रतिवादियों को इस पर कोई आपत्ति नहीं है.




सीजेआई ने इसके बाद कहा, जब आप (वरिष्ठ वकील) लोगों को अर्जेंट सुनवाई करानी होती है, तब आप सब यहां होते हैं. आप सुबह साढ़े 10 बजे, दोपहर दो बजे और यहां तक मध्य रात्रि को भी आ जाते हैं, पर जब हम बुलाते हैं, तब आप नहीं आते हैं. हालांकि सीजेआई ने बाद में याचिकाकर्ताओं को याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी.
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