
Jamshedpur : प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों के कारण झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) द्वारा विगत 3 जुलाई 2022 को आयोजित जूनियर इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा (JSSC JE Recruitment-2022) के विवादों में घिरने के बाद आयोग इसकी जांच कराने की तैयारी में है. आयोग जल्दी ही इस बारे में जांच की कार्रवाई के लिए कदम उठायेगा. न्यूजविंग से बातचीत में आयोग के अध्यक्ष सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि न्यूजविंग में जेई की परीक्षा में एक सीट के लिए 15 लाख रुपये मांगे जाने संबंधित खबर काफी विस्तार से छपी है. यह बेहद गंभीर बात है. उन्होंने कहा कि वे इस मामले की गहराई से जांच कराना चाहते हैं. जांच में पुलिस की मदद भी ली जा सकती है. अध्यक्ष ने कहा है कि अगर किसी के पास पर्चा लीक करनेवालों के बारे में अथवा सीट मैनेज करने का दावा करनेवालों के बारे में कोई ठोस और तथ्यपरक जानकारी है, तो वे इसे उन्हें उपलब्ध करायें.
JSSC के अध्यक्ष सुधीर त्रिपाठी की ख्याति अच्छे अफ़सर की रही है. मीडिया में JE परीक्षा में कदाचार के जैसे ऑडियो/स्क्रीन शॉट अपलोड हुए हैं उनका संज्ञान वे लें और JSSC द्वारा JE की परीक्षा लेने हेतु चयनित एजेंसी की गतिविधियों की जांच करा लें तो कदाचार के रहस्य पर से पर्दा उठ जाएगा.
— Saryu Roy (@roysaryu) July 7, 2022


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बता दें कि न्यूजविंग ने 7 जुलाई को खबर दी थी कि जूनियर इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा में बड़े पैमाने पर सेटिंग-गेटिंग का खेल हुआ है, जिसमें कुछ दलाल, परीक्षा लेनेवाली एजेंसी के कुछ लोग तथा सफेदपोश शामिल हैं. एक सीट के लिए 15 लाख रुपये की मांग रखी गयी थी. जिनसे सौदा पटा, उनसे एडवांस में तीन लाख रुपये लिये गये और बाकी के 12 लाख रुपये डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के पहले देने की शर्त रखी गयी. तब तक परीक्षार्थी के सभी मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र दलालों के पास बंधक रखने की बात है. लिखित परीक्षा में पास होने के बाद जब परीक्षार्थी द्वारा बाकी के 12 लाख रुपये दलालों को दे दिये जायेंगे, तब डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के पहले दलाल मूल प्रमाण पत्र उसे लौटा देंगे, ताकि वह जेएससीसी में डॉक्यूमेंट वेरीफिकेशन में उन्हें पेश कर सके. इसको लेकर एक ऑडियो भी न्यूजविंग ने अपने पाठकों के लिए शेयर की थी, जिसमें एक सीट के लिए 20 लाख रुपये लगने का जिक्र था. झारखंड में आठ साल बाद जूनियर इंजीनियर नियुक्ति परीक्षा का आयोजन हुआ है. इस परीक्षा के जरिये जूनियर इंजीनियर (इलेक्ट्रिकल/सिविल/मेकेनिकल/एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग) के 1289 पदों पर नियुक्ति की जानी है. पिछली 3 जुलाई को हुई परीक्षा के तुरंत बाद कई अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया था कि प्रश्नपत्र परीक्षा के एक घंटे पहले ही लीक हो गये थे. आंदोलित परीक्षार्थियों ने सीट बेच दिये जाने का आरोप भी लगाया था.
इस बीच जमशेदपुर पूर्वी के विधायक और पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी जेई परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों की जांच कराने को लेकर एक ट्वीट किया है. सरयू राय ने लिखा है – “जेएसएससी के अध्यक्ष सुधीर त्रिपाठी की ख्याति अच्छे अफसर की रही है. मीडिया में जेई परीक्षा में कदाचार के जैसे ऑडियो/स्क्रीन शॉट अपलोड हुए हैं, उनका संज्ञान वे लें और जेएसएससी द्वारा जेई की परीक्षा लेने हेतु चयनित एजेंसी की गतिविधियों की जांच करा लें, तो कदाचार के रहस्य पर से पर्दा उठ जायेगा.”
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