
Chhaya

Ranchi: लाभाकारी पदों पर बने रहने की कोशिश राज्य के आला अधिकारियों के रवैये में शामिल होता जा रहा है. झारखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जरेडा) में कार्यरत प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार बलदेव प्रसाद पिछले छह सालों से अतिरिक्त प्रभार में हैं.

ऊर्जा विभाग में इनका पद इलेक्ट्रिकल इंजीनियर का है. इसके बावजूद पिछले छह सालों से अरविंद कुमार जरेडा में ही अतिरिक्त प्रभार में बने हुए है. अगस्त 2017 में ऊर्जा विभाग की ओर से जरेडा की समीक्षा बैठक की गयी. जिसमें पूर्व सीएस राजबाला वर्मा भी उपस्थित थीं.
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समीक्षा बैठक के दौरान प्रोजेक्ट डायरेक्ट का क्रियाकलाप संतोषजनक नहीं पाया गया. इसके बाद पूर्व सीएस राजबाला वर्मा और तत्कालीन ऊर्जा विभाग के सचिव नीतिन मदन कुलकर्णी ने ऊर्जा विभाग में इनकी सेवा वापस करने का निर्देश दिया. जिसके बाद सचिव तो बदल गये. लेकिन अरविंद कुमार अब तक उसी पद पर बने हुए हैं.
सीएम ने दिया था फेरबदल न करने का आदेश
तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा की ओर से अरविंद कुमार का पद विभाग को वापस किये जाने के आदेश के बाद सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने विभागीय मंत्री से इस पद के लिये दो नामों की अनुशंसा की.
लेकिन पूर्व विभागीय मंत्री सह तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वित्तीय अनियमितता को अस्पष्ट बताया. और विकास योजनाओं में बाधा का हवाला देते हुए साल 2017-18 में कोई भी फेर बदल करने से मना कर दिया.
अगर पूर्व सीएम रघुवर दास के आदेश का भी पालन हुआ होता को 2018 से अरविंद कुमार वापस विभाग में अपने पद पर चले जाते. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. सितंबर 2018 में अरविंद कुमार तीन महीने की मेडिकल लीव में गये. उनके स्थान पर विजय कुमार सिन्हा को कार्यभार दिया गया.
जबकि ऊर्जा विभाग को तत्कालीन सचिव और पूर्व सीएस के आदेश का पालन करना था. अपनी छुट्टी खत्म करने के बाद फिर से छह दिंसबर 2018 को अरविंद कुमार वापस जरेडा आ गये. तत्कालीन सचिव ने जिन दो नामों की अनुशंसा इस पद के लिए की थी, उनमें विजय कुमार सिन्हा और मुकेश कुमार सिंह शामिल थे. दोनों ऊर्जा उत्पादन निगम लिमिटेड में कार्यरत हैं.
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पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने भी की थी ऊर्जा सचिव से शिकायत
इस मामले में अलग-अलग वेंडरों की ओर से ऊर्जा सचिव समेत अन्य आला अधिकारियों के पास शिकायत की गयी थी. 15 जुलाई 2019 को पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव की ओर से ऊर्जा विभाग को पत्र लिखा गया था. जिसमें अरविंद कुमार के छह साल से जरेडा में बने रहने और मनमाने तरीके से ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने की बात बतायी गयी थी.
दिनेश उरांव की ओर से ऊर्जा सचिव को लिखे पत्र में अरविंद कुमार पर कार्रवाई करने की मांग की गयी थी. इसके बाद भी अरविंद कुमार अब तक जरेडा में प्रोजेक्ट डायरेक्टर के पद पर बने हुए हैं.
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