
NewDelhi : बिहार के सीएम और जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार भाजपा के साथ डबल गेम खेल रहे हैं. भाजपा भी उनकी दोहरी चाल से वाकिफ है, यह दावा वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त का है. एक वीडियो रिपोर्ट में बरखा दत्त ने दावा किया है कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ डबल गेम खेल रहे हैं.
वीडियो के अनुसार पिछले दो साल में नीतीश कुमार कांग्रेस से दो दर्जन से ज्यादा बार बात कर चुके हैं. कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार भाजपा के साथ गठबंधन में होने के साथ-साथ वह गठबंधन से अलग होने के विकल्प के तलाश में भी हैं.
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लोकसभा चुनाव से पहले नीतीश और राहुल गांधी के बीच चार बार बातचीत हुई


बरखा दत्त ने विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से कहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में जून-अगस्त माह में नीतीश कुमार और राहुल गांधी के बीच चार बार बातचीत हुई थी. यही नहीं वीडियो में यह भी कहा गया है कि 2018 में कांग्रेस और जदयू के शीर्ष नेताओं के बीच लगभग 20 बैठकें हुई थी.
कहा कि 2019 में भी नीतीश कुमार अपनी रणनीति पर जमे रहे और दिल्ली में अपने आवास पर उन्होंने जदयू के शीर्ष नेताओं से भाजपा का साथ छोड़ने और इसके विकल्प पर चर्चा की थी.
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पवन वर्मा और प्रशांत किशोर बगावती सुरे अलाप चुके हैं
जान लें कि यह दावा तब सामने आ रहा है, जब पार्टी में पवन वर्मा और प्रशांत किशोर बगावती सुरे अलाप चुके हैं. इससे पहले पवन वर्मा ने पत्र लिखकर कहा था कि नीतीश कुमार को उनकी अवहेलना का अंदाजा हो चुका है. जान लें कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जदयू ने वोट भले किया हो लेकिन नीतीश कुमार राज्य में NRC लागू नहीं करने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं.
भाजपा नीतीश को भुनाना चाहती है
कहा यह भी जा रहा है कि भाजपा उनकी दोहरी चाल से वाकिफ है. हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार में नीतीश कुमार को भाजपा-जदयू गठबंधन का नेता बताया और उन्हें मुख्यमंत्री का चेहरा भी घोषित किया. सोचें कि क्या भाजपा ने कभी सहयोगी पार्टी के नेता को सीएम का चेहरा घोषित किया है? ऐसे में कहा यही जा सकता है कि भाजपा नीतीश को भुनाना चाहती है और आसानी से उन्हें अलग होने नहीं देना चाहती. दिल्ली में भी एक उदाहरण है कि इस बार राजधानी के विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू साथ-साथ चुनाव लड़ रहे हैं.
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