
Palamu/Sahibganj/Ramgarh: केन्द्र की बीजेपी सरकार द्वारा कथित रूप से केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार को बदनाम एवं अस्थिर करने के खिलाफ झामुमो की पलामू इकाई द्वारा समाहरणालय परिसर में सोमवार को एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया गया. अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिन्हा एवं संचालन सन्नू सिद्दीकी ने किया.
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मौके पर जिलाध्यक्ष ने कहा कि झारखंड अलग राज्य गठन के बाद से लगातार भाजपा की सरकार रही और इस सरकार के द्वारा राज्य को लूटकर खोखला कर दिया गया. रोजगार के बहाने युवाओँ को छला गया. यहां के रहने वाले लोगों को धोखा दिया गया, जिससे क्षुब्ध होकर झारखंड के लोगों ने भाजपा को करारा जवाब देते हुए सत्ता से बेदखल किया और स्थानीय बेटा-धरती पुत्र हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के रूप में चुना. इनके कुशल नेतृत्व में झारखंड में चहुमुखी विकास हो रहा है. कोरोना काल में झारखंड एक मात्र ऐसा राज्य रहा, जो मजदूरों को हवाई जहाज से वापस लाने का काम किया.



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जिलाध्यक्ष ने कहा कि करोना महामारी के बाद राज्य अभी उबर ही रहा था कि केन्द्र सरकार द्वारा एक साजिश के तहत हेमंत सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है. मनेगा घोटाला मुख्यतः रघुवर दास सरकार के कार्यकाल से जुड़ा हुआ है, जिसकी जांच ईडी कर रही है, लेकिन इस घोटाले में रघुवर दास के साथ भाजपा के बड़े नेताओं का नाम आने की संभावना को देखते हुए उन्हें बचाने के लिए ईडी ने जांच का दायरा ही बदल दिया है और भटका कर खनन आदि मुद्दों की तरफ मोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी झारखंड सरकार को हटाकर सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन झामुमो इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा और आवश्यकता पड़ने पर सड़क पर उतरकर आंदोलन किया जाएगा.
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इधर,साहिबगंज में झामुमो नेता व कार्यकर्ताओं ने साहिबगंज स्टेशन चौक पर भाजपा और केंद्रीय जांच एजेंसियों के विरोध में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस धरना की अध्यक्षता झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला अध्यक्ष शाहजहां अंसारी ने किया जबकि इसका नेतृत्व झामुमो के केंद्रीय सचिव सह बरहेट विधायक के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा ने किया. झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों पर निशाना साधते हुए इसे केंद्र सरकार का तोता बताया और भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगाया कि कि वह इन तोतों की आड़ में झारखंड की सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. यह केवल झारखंड में ही नहीं बल्कि पूरे देश में जहां भी गैर भाजपा की सरकार है. उसे भारतीय जनता पार्टी अपने एजेंसियों के माध्यम से लगातार अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. इस केंद्रीय एजेंसियों में सीबीआई ईडी के साथ-साथ एक नया नाम चुनाव आयोग का भी जोड़ा गया है. और चुनाव आयोग के निष्पक्षता पर भी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सवाल खड़ा की है. झारखंड में लगातार हो रही ईडी की कार्रवाई के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा अब केंद्रीय एजेंसियों के विरोध करने के लिए सड़कों पर उतर पड़ी है.

रामगढ में जिला समाहरणालय के पास झामुमो नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान जिला अध्यक्ष बिनोद किस्कु ने केंद्र सरकार पर राज्य के मुख्यमंत्री को परेशान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि झारखंड में गठबंधन की सरकार के सत्तासीन होने के बाद 2 साल कोविड-19 त्रासदी झेलने के बाद जैसे ही सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारना शुरू किया, केंद्र सरकार केंद्रीय एजेंसियों के माध्यम से राज्य सरकार को अस्थिर करने में जुट गई. कहा भारतीय जनता पार्टी और केंद्र सरकार की मंशा कभी पूरी नहीं होगी राज्य सरकार पर लगे सभी आरोप तथ्यहीन और सत्य से परे है मुख्यमंत्री पाक साफ हैं.
