
Chaibasa : पश्चिमी सिंहभूम जिला में एनएच-75 ई (चाईबासा-हाटगम्हरिया रोड) पर 33 किमी पथांश पर मरम्मतीकरण के नाम पर दो करोड़ की निकासी में अनियमितता का आरोप लगा है. राज्य में सत्तारूढ़ झामुमो के जिला सचिव सोनाराम देवगम ने आरोप लगाया है कि मरम्मत के काम में भारी गड़बड़ी की गयी है. खानापूरी कर दो करोड़ रुपये की निकासी कर ली गयी है. देवगम में इस बारे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिकायत करते हुए जांच की मांग की है. मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सोनाराम देवगम ने बताया कि राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, चाईबासा के अंतर्गत एनएच-75 ई पर चाईबासा से हाटगम्हरिया तक 33 किमी पथ के मरम्मतीकरण के लिए तीन भाग में निविदा निकाली गयी थी. इसमें दो करोड़ रुपये का भुगतान संवेदकों को किया जा चुका है. पत्र में कहा गया है कि कार्यस्थल पर सड़क की वर्तमान स्थिति का जायजा लेने पर पता चलता है कि संवेदकों द्वारा विभागीय अभियंताओं से सांठगांठ कर मरम्मतीकरण में घोर अनियमितता बरती गयी है. मरम्मत के नाम पर कुछ स्थानों पर जीएसबी बिछा कर गड्ढे भरने की औपचारिकता पूरी की गयी है. बाकी की पूरी सड़क पर पहले की तरह अभी भी बड़े-बड़े गड्ढे हैं, लेकिन काम पूरा दिखा कर दो करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है.
जिला सचिव ने मुख्यमंत्री से की जांच की मांग
सोनाराम देवगम ने शिकायत में कहा है कि जुलाई, 2021 में राष्ट्रीय उच्च पथ प्रमंडल, चाईबासा द्वारा 200 करोड़ की लागत से एनएच-75 ई पर चक्रधरपुर से हाटगम्हरिया तक 65 किमी नयी सड़क बनाने का डीपीआर मुख्य अभियंता के माध्यम से नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑइ इंडिया को स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका था. इसकी स्वीकृति मिल चुकी है और 14 जनवरी, 2022 को एनएच प्रमंडल, चाईबासा द्वारा 266 करोड़ की लागत से 65 किमी सड़क नवनिर्माण की निविदा निकाली गयी है. इतना होने के बीच में उसी सड़क के 33 किमी पथांश पर निविदा निकाल कर मरम्मत का काम कराया जाना संदेह को जन्म देता है. देवगम ने लिखा है कि इस मरम्मत कार्य और भुगतान को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. इससे सरकार की बदनामी हो रही है. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि नयी निविदा पर कार्य आबंटित करने से पहले मरम्मतीकरण कार्य का संपूर्ण मूल्यांकन एवं जांच करायी जाये.
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