
झारखंड को केंद्र से मुआवजा के रूप में मिले 1368 करोड़
Ranchi : राज्य के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने जीएसटी काउंसिल की बैठक में जो बयान दिया है उससे सबकी भौंहें तनी हुई हैं. श्री सिंह ने कहा है कि जीएसटी के दायरे में सरकार का राजस्व संग्रहण कम हुआ है. ऐसा केंद्र सरकार भी मान रही है. केंद्र के आंकड़ों के हिसाब से बड़े राज्यों को जीएसटी के प्रभावी होने से 56 सौ करोड़ रुपये का नुकसान राजस्व वसूली में हुआ है. बड़े राज्य खास कर आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओड़िशा, पंजाब और तमिलनाडू में राजस्व उगाही ज्यादा प्रभावित हुई है.
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माइनिंगवाले राज्यों में को भारी नुकसान




वहीं झारखंड, गोवा, जम्मू और कश्मीर को 3900 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. यहां यह भी बताते चलें कि माइनिंग स्टेट खास कर ओड़िशा, छत्तीसगढ़, झारखंड और गोवा में एक जुलाई 2017 के बाद से अब तक भारी नुकसान हुआ है. छत्तीसगढ़ में राजस्व वसूली में 31 फीसदी की कमी है. वहीं झारखंड में 26 फीसदी रेवेन्यू कलेक्शन कम हुआ है. सभी राज्यों को यह नुकसान 2017-18 वित्तीय वर्ष में हुआ है. इसमें 2018-19 के लिए अप्रैल-मई तक के दो महीने भी शामिल हैं. केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने लोकसभा में यह जानकारी दी है कि देश के सभी राज्यों को एक जुलाई 2017 से लेकर 31 मार्च 2018 तक केंद्र से 48178 करोड़ का जीएसटी मुआवजा दिया गया है. जबकि 2018-19 के पहले दो माह में राज्यों को 3898 करोड़ रुपये दिये गये हैं.
केंद्र ने 2015-16 के आधार पर तय किया है मुआवजा
केंद्र सरकार ने 2015-16 को आधार मान कर सभी राज्यों के लिए जीएसटी का कंपेनसेसन (मुआवजा) तय किया गया है. इसे 16.6 फीसदी के आसपास रखा गया है. जीएसटी में सभी राज्यों की ओर से संग्रहित किये गये राजस्व को भी शामिल किये जाने पर यह केंद्र के तय मानक से एक फीसदी कम है. केंद्र सरकार का मानना है कि इसमें और बढ़ोत्तरी हो सकती है. खास कर इनपुट टैक्स क्रेडिट करने तथा सर्विस टैक्स के बारे में जमा किये गये राजस्व पर दिये जानेवाले कंपेनसेसन से पांच प्रतिशत राशि और बढ़ जायेगी.
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पेट्रोलियम पदार्थ, उत्पाद,पूंजीगत ट्रांजैक्शन नहीं आते जीएसटी के दायरे में
केंद्र ने स्पष्ट किया है कि पेट्रोलियम उत्पादों पर कर, संपत्ति कर, राज्यों के उत्पाद विभाग का कर, पूंजीगत ट्रांजैक्शन और आय पर कर जीएसटी के दायरे में नहीं आता है. यह राज्यों के अधिकार का क्षेत्र है. यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वे इन सभी मदों को जीएसटी में लाकर राजस्व वसूली कर सकते हैं अथवा नहीं. वहीं केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया है कि देश के नौ राज्य जीएसटी के अलावा स्टेट मूल्य वर्द्धित कर (वैट), केंद्रीय वाणिज्य कर, केंद्रीय बिक्री कर, लग्जरी टैक्स, सभी प्वाइंट पर इंट्री टैक्स लेने के साथ-साथ मनोरंजन कर भी ले रहे हैं.
झारखंड को केंद्र ने जीएसटी कंपेनसेसन के रूप में दिया 1368 करोड़
केंद्र सरकार ने झारखंड को जीएसटी कंपेनसेसन के रूप में मई 2018 तक 1368 करोड़ से अधिक का भुगतान किया है. छत्तीसगढ़ को 1589 करोड़, गोवा को 281 करोड़, गुजरात को 4277 करोड़ और ओड़िशा को 2267 करोड़ रुपये दिये हैं. उत्तर प्रदेश को 2432 करोड़, पश्चिम बंगाल को 1608 करोड़, जम्मू-क्मीर को 1165 करोड़ रुपये दिये गये हैं. पंजाब को 4648 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है.