
Gyan Ranjan
Ranchi: कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की की जीत के साथ ही झारखंड विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 11 हो गयी है. अलग राज्य बनने के बाद पांचवी विधानसभा में सबसे ज्यादा विधायक आधी आबादी से जीतकर आयी हैं. इसमें कांग्रेस की पांच, बीजेपी की तीन और झारखंड मुक्ति मोर्चा की तीन महिला विधायक हैं. वर्ष 2019 विधानसभा चुनाव में महिला विधायकों को मिले वोट की बात करें, तो सबसे अधिक रामगढ़ से कांग्रेस विधायक ममता देवी को प्राप्त हुआ. विधायक ममता देवी को 99,944 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद को 98,862 वोट मिले हैं. इसके अलावा मांडर विधानसभा उपचुनाव में विजयी हुई कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की को 95,062 वोट मिले हैं. यह आंकड़ा इस बात की ताकीद करता है कि जनता ने महिला विधायकों पर दिल खोलकर भरोसा किया है. लेकिन इससे इतर जब हम सरकार में महिला प्रतिनिधियों की बात करते हैं तो मायूसी हाथ लगती है. सत्ता पक्ष के ही महिला विधायकों की बात करें तो कांग्रेस और झामुमो के महिला विधायकों की संख्या आठ है लेकिन मंत्रिमंडल में मात्र एक महिला को जगह दी गयी है. झामुमो ने तो अपने तीन महिला विधायकों में से एक को मंत्री बना दिया लेकिन कांग्रेस जिसके पास पहले चार महिला विधायक थे और अब शिल्पी नेहा तिर्की की जीत के बाद संख्या पांच हो गयी है, सरकार में एक को भी जगह नहीं दी. यहां गौर करनेवाली बात यह है कि यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने यह घोषणा की थी कि सरकार बनी तो 40 प्रतिशत भागीदारी हर क्षेत्र में महिलाओं को दी जायेगी. झारखंड में सरकार गठन के ढाई वर्ष से ज्यादा हो गए लेकिन ना तो राष्ट्रीय नेतृत्व को और ना ही प्रदेश नेतृत्व को आधी आबादी की सुध है.


सरकार गठन के समय 4:1 का फार्मूला हुआ था तय




वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखण्ड की जनता ने सरकार बनाने में लिए महागठबंधन को पूर्ण बहुमत दिया था. अलग राज्य बनने के बाद महागठबंधन के प्रमुख दल झामुमो और कांग्रेस ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया था. झामुमो को 30 सीट मिली थी और कांग्रेस को 18. मंत्रिमंडल विस्तार के समय यह तय हुआ था कि 4 विधायकों पर एक मंत्रिपद दिया जाएगा. उस समय तीन महिला विधायक होने के बाद भी झामुमो ने एक महिला को मंत्रिमंडल में जगह दिया लेकिन कांग्रेस से 4 महिला विधायक जीतकर आये थे किसी को भी मौका नहीं दिया गया. अब तो यह संख्या पांच हो गयी है. पार्टी के भीतर एक बार फिर यह चर्चा शुरू हो गयी है कि क्या कांग्रेस महिला विधायक को मंत्रिमंडल में जगह देकर आधी आबादी का सम्मान करेगी.
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सिंबल भले ही कांग्रेस का था जीत व्यक्तिगत थी
वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में चार महिला विधायक कांग्रेस के सिंबल से जीतकर आई थी. यह सच है कि इन विधायकों को कांग्रेस का सिंबल मिला था लेकिन सभी की जीत उनके खुद के द्वारा तैयार किये गए प्लेटफोर्म की थी. महागमा से कांग्रेस पार्टी ने दीपिका पाण्डेय सिंह को टिकट दिया. दीपिका पिछले दो दशक से इस विधानसभा क्षेत्र में काम कर रही थी. उनके परिवार का इस विधानसभा में अपना एक व्यापक वजूद रहा है. दो दशक के मेहनत का ही परिणाम था कि दीपिका ने विधानसभा में कदम रखा. इसी तरह रामगढ़ से ममता देवी ने अपने क्षेत्र में लगातार 10 वर्षों से सक्रिय थी. उन्होंने आजसू के किले को ध्वस्त किया. इसी तरह बडकागांव से अम्बा प्रसाद ने अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाया है. इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस का नहीं बल्कि योगेन्द्र साहू का प्रभाव ज्यादा है. झरिया विधानसभा क्षेत्र में जदयू के बच्चा सिंह के बाद से लगातार भाजपा का कब्ज़ा रहा है. 15 वर्षों से लगातार भाजपा के विधायक थे. पिछले चुनाव में पूर्णिमा नीरज सिंह ने भाजपा के कमल को खिलने नहीं दिया. यहां भी कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि पूर्णिमा नीरज सिंह के पति स्व. नीरज सिंह का व्यापक प्रभाव था.
कांग्रेस की पांच महिला विधायकों को मिले वोट की स्थिति
कांग्रेस की पांच महिला विधायकों में सबसे अधिक रामगढ़ की विधायक ममता देवी को प्राप्त हुआ है. 2019 विधानसभा चुनाव में ममता देवी को 99,944 वोट मिले हैं. वहीं, वोट प्रतिशत की बात करें, तो विधायक ममता देवी को 44.70 फीसदी वोट मिले हैं. वहीं, हजारीबाग की बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद को 98,862 वोट मिले. इनका वोट प्रतिशत 44.13 रहा. इसके अलावा मांडर से नवनिर्वाचित शिल्पी नेहा तिर्की को 95,062 वोट मिले. इनका वोट प्रतिशत 44 रहा. झरिया की पूर्णिमा नीरज सिंह को 79,786 वोट मिले हैं. इन्हें 50.34 फीसदी वोट मिले हैं. वहीं, गोड्डा जिला अंतर्गत महगामा की दीपिका पांडेय सिंह को 89,224 वोट मिले हैं. इन्हें 45.49 फीसदी वोट मिले.
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एक बार फिर मंत्रिपद के लिए सरकार पर दवाब बनाने की तैयारी
झारखंड में कांग्रेस के विधायकों की संख्या में इजाफा होने के साथ ही पार्टी आखिरी मंत्री पद के लिए दबाव बनाने की तैयारियों में जुट गई है. सरकार में शामिल होने के बाद कई ऐसे मौके आए हैं जब कांग्रेस की मांग को झामुमो ने नकार दिया है लेकिन इस बार कांग्रेसी कुछ अधिक गंभीरता से प्रयास कर रहे हैं. माना जा रहा है कि एक पद और मिला तो पार्टी किसी महिला विधायक का नाम इसके लिए आगे करेगी. पार्टी में पांच महिला विधायकों में से किसी एक का नाम आगे बढ़ाने की तैयारी है. शीघ्र ही समन्वय समिति की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी. सदन में अधिकृत तौर पर कांग्रेस विधायकों की संख्या अब 17 हो गई है. प्रदीप यादव को अभी तक विधानसभा में कांग्रेस की मान्यता नहीं मिली है.
मंत्रिमंडल में एक सीट खाली, दावा करेगी कांग्रेस : राकेश सिन्हा
हेमंत मंत्रिमंडल में एक सीट खाली है और कांग्रेस में अंदर ही अंदर इस सीट को अपने कोटे में करने की तैयारी भी शुरू हो चुकी है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा महिलाओं का सम्मान करती है और समन्वय समिति की बैठक में इसपर हम लोग चर्चा करेंगे कि सरकार 11 मंत्रियों से चलेगी या फिर 12 मंत्रियों से. अधिक मंत्री के साथ सरकार चलाने की बात तय हुई तो निश्चित रूप से कांग्रेस का दावा बनता है. हालांकि अंतिम निर्णय आलाकमान को ही करना है.