
Ranchi : प्रदेश में पेंडिंग म्यूटेशन केस की संख्या लगातार बढ़ रही है. प्रदेश भाजपा की मानें तो भू राजस्व विभाग (झारखंड सरकार) ने पिछले दो सालों में लगातार लापरवाही दिखायी है. खासकर पिछले 6 माह में लोगों को म्यूटेशन निष्पादन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. म्यूटेशन संबंधी विभागीय पार्टल नहीं खुल रहा. इससे इसका लाभ नागरिकों को नहीं मिल रहा है. 1000 से लेकर लाखों रुपये तक खर्च करने के बाद ही नकल मिलता है. पिछले कुछ सालों (2018-19 से 7 जनवरी, 2022) में म्यूटेशन के 10 लाख 83 हजार 614 केस सामने आये. इनमें से 4 लाख 81 हजार 993 केस का ही निष्पादन हो सका है. 5 लाख 32 हजार 275 केस को रिजेक्ट कर दिया गया. करीब 70 हजार केस पेंडिंग पड़े हैं.
किस जिले में क्या है स्थिति
राज्य के 24 जिलों में म्यूटेशन के सब मिलाकर 70 हजार केस पेंडिंग हैं. इनमें से टॉप तीन जिलों में रांची (13619), धनबाद (10072), हजारीबाग (8868) हैं. सबसे कम केस वाले जिलों में जामताड़ा (49),गोड्डा (76) जैसे जिले शामिल हैं. इनमें से पेंडिंग के कुछ मामले रघुवार दास सरकार के समय के भी हैं.


जिला लंबित मामले


कोडरमा 2141
खूंटी 603
गढ़वा 2280
गुमला 881
गिरिडीह 8284
गोड्डा 76
चतरा 965
जामताड़ा 49
दुमका 167
देवघर 1103
धनबाद 10072
पश्चिम सिंहभूम 522
पूर्वी सिंहभूम 3092
पलामू 3352
पाकुड़ 3351
बोकारो 3908
रांची 13619
रामगढ़ 1930
लातेहार 881
लोहरदगा 574
सरायकेला खरसावां 1577
साहेबगंज 1600
सिमडेगा 285
हजारीबाग 8868
करप्शन को अंकुरित कर रही सरकार
पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी के मुताबिक राज्य सरकार की लापरवाही से राजस्व विभाग को लगातार नुकसान हो रहा है. म्यूटेशन के केस में लोगों को रिश्वत देने को विवश किया जा रहा है. बगैर चढ़ावा के अंचल, प्रखंड कार्यालयों में कोई काम ही नहीं हो रहा. ऑनलाईन रिकॉर्ड निकालना या कोई काम करा पाना असंभव हो गया है. पोर्टल को जानबूझकर 6 माह से खराब रखा गया है. यह झूठ और लूट की सरकार का उदाहरण है.
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