
Ranchi: झारखंड में केंद्र प्रायोजित स्वामित्व योजना शुरू करने के लिए जल्द सर्वे ऑफ इंडिया से एमओयू साइन किया जायेगा. राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग इस दिशा में काम कर रहा है. सर्वे ऑफ इंडिया पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे करने के लिए ड्रोन सहित अन्य उपकरण उपलब्ध करायेगा. इसपर 6.67 करोड़ की राशि खर्च होने का आकलन किया गया है.
खूंटी जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसकी शुरूआत की जायेगी. स्वामित्व योजना प्रारंभ होने से झारखंड के किसानों-ग्रामीणों के बहुत जल्द जमीन से जुड़े विवादों का समाधान होना शुरू हो जायेगा. इस योजना से झारखंड के गांवों के लोगों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक दिया जायेगा. किसानों समेत गांव वालों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए नई तकनीक का उपयोग किया जायेगा.
गांव में जमीन की सीमांकन के लिए आधूनिक तकनीक ड्रोन की मदद ली जायेगी. जल्द ही विधिक तथा वित्तीय स्थिति का समीक्षा करते हुए इसकी सहमति सरकार से ली जायेगी. खूंटी जिले के सभी अंचलों की घनी आबादी में ड्रोन से सर्वे का काम किया जायेगा. जमीन के कागजातों को डिजिटल किया जायेगा.
वहां यह प्रयोग सफल हुआ तो इसे पूरे राज्य में लागू किया जायेगा. राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारखंड में स्वामित्व योजना का नोडल विभाग होगा. सर्वे ऑफ इंडिया (एसओआई) के सहयोग से ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्र के जमीन का सीमांकन नवीनतम ड्रोन सर्वे पद्धति से किया जायेगा.
सर्वे किए गये जमीन का रिकार्डस आफ राइट भी तैयार किया जायेगा. यह प्रयास हो रहा है कि इसी वित्तीय वर्ष 2021-22 में खूंटी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में सर्वे का काम पूरा कर लिया जाये.विभाग जल्द ही इस योजना को लागू करने के लिए एसओपी भी तैयार कर रहा है.
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शहरों की तरह गांवों में भी लोग संपत्ति पर बैंक से लोन ले सकेंगे
डिजीटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वामित्व योजना की शुरूआत की थी. इस योजना के तहत ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की शुरूआत की गयी है. इस पोर्टल पर ग्राम समाज से जुड़ी सभी समस्याओं की जानकारी रहेगी और इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी भूमि की जानकारी आॅनलाइन देख सकेंगे. पंचायती राज मंत्रालय ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल की शुरूआत की है.
भू-मालिकों को स्वामित्व योजना के तहत संपत्ति कार्ड वितरित करने की भी योजना है. इस योजना के अंतर्गत प्रॉपटी धारकों के मोबाइल फोन पर एसएमएस के माध्यम से एक लिंक भेजा जायेगा. जिसके माध्यम से देश के प्रॉपटी धारक प्रॉपटी कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं. इसके बाद संबंधित राज्य सरकारें संपति कार्ड का फिजिकल वितरण करेंगी. गांव के लागों को इस योजना के माध्यम से अब बैंक से लोन मिलने में भी आसानी होगी.
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