
Ranchi: रेमडेसिविर कालाबाज़ारी मामले में किए गए पीआईएल की शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. जिसमें कोर्ट ने रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम को मामले में सरकारी गवाह बनाये जाने पर नाराजगी जाहिर की. साथ ही कहा कि जब इस मामले की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट कर रहा है तो उन्हें विश्वास में क्यों नहीं लिया गया. सरकार से रेमडेसिविर मामले की जांच रिपोर्ट और केस के ओरिजनल डॉक्यूमेंट की मांग की गई है. वहीं सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट राजीव कुमार ने बताया कि रेमडेसिविर मामले में कोर्ट के निर्देशों का पालन किया गया है. रेमडेसिविर के अलावा कई दवाओं की कालाबाजारी पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था.
इसे भी पढ़ें :आरजेडी का बड़ा बयान, तेजस्वी की बातें होंगी सच, गिर जाएगी बिहार सरकार


इससे पहले रेमडेसिविर कालाबाजारी के मामले में सीआईडी ने दो लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी. मामले की जांच सीआईडी के निवर्तमान एडीजी अनिल पालटा के नेतृत्व में बनी एसआईटी कर रही है. राज्य सरकार ने इस मामले से जुड़ी जनहित याचिका पर बीते 21 जून को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया था कि सरकार इस मामले की जांच एसआईटी से करवाने के पक्ष में है. वहीं इस मामले में रांची के ग्रामीण एसपी नौशाद आलम और अरगोड़ा चौक स्थित दवा दुकान मेडिसीन प्लांट के संचालक राकेश को सरकारी गवाह बनाया गया है.




इसे भी पढ़ें :दरभंगा ब्लास्ट मामले में NIA की टीम पहुंची पटना, दोनों आतंकी को लाया गया पटना