
Ranchi: ग्रेजुएशन, पीजी पास लाखों उम्मीदवार बेरोजगारी भत्ता पाने की आस में दिन गिन रहे हैं. राज्य सरकार ने अपने दो साल की वर्षगांठ भी मना ली है. बावजूद इसके अब तक बेरोजगारी भत्ता दिये जाने का मापदंड तय नहीं कर पायी है. भत्ते की आस में बेरोजगार लगातार रोजगार नियोजनालयों में रजिस्टर्ड हो रहे हैं. राज्य के चौबीसों जिले के नियोजनालयों में अब तक दो लाख से अधिक बेरोजगार रजिस्टर्ड हो चुके हैं. राज्य सरकार के मुताबिक वर्तमान में इनमें 2 लाख 58 हजार 113 उम्मीदवार रजिस्टर्ड हैं. इनमें ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों हैं. हालांकि सरकार नियोजनालयों के माध्यम से प्राइवेट सेक्टर में नौकरी दिये जाने की बात कह रही है पर बेरोजगारी भत्ता कब से और किस आधार पर बेरोजगारों को मिल सकेगा, इसे बताने की स्थिति में कोई नहीं है.
बेरोजगारी भत्ते के लिये इतनी राशि तय
पिछले दिनों विधानसभा सत्र के बजट सत्र के दौरान भी कई विधायकों ने सरकार से बेरोजगारी भत्ते को लेकर सवाल पूछा था. विधायक सुदेश कुमार महतो, विनोद कुमार सिंह भी उनमें से थे. इस पर सरकार (श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग, झारखंड) ने बताया कि बेरोजगारी भत्ता प्रदान करने का मापदंड तय नहीं हो सका है. वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिये इस योजना के कार्यान्वयन हेतु 8766.80 लाख रुपये का बजट प्राक्कलित था. वर्तमान में संपूर्ण बजटीय राशि का प्रत्यार्पण कर दिया गया है. सरकार के मुताबिक राज्य के नियोजनालयों में रजिस्टर्ड ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट को बेरोजगारी भत्ता दिया जाना है. ग्रेजुएट को सालाना 5000 और पीजी को 7000 रुपये.


इतने बेरोजगारों को रोजगार




नियोजनालयों में रजिस्टर्ड बेरोजगारों को भर्ती कैंपों के आयोजन के जरिये प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां दी जा रही हैं. वित्तीय वर्ष 2019-20 में इसके जरिये 13667, 2020-21 में 2504 और 2021-22 में 2119 बेरोजगारों को रोजगार के अवसर मुहैया कराये गये हैं.