
Ranchi/Jamshedpur : बाल कल्याण संघ रांची और जिला प्रशासन जमशेदपुर के तत्वावधान में जमशेदपुर के पटमदा (गोबरघुसी) में राष्ट्रीय परामर्शी कार्यशाला आयोजित हुई. इसमें बच्चों की ट्रैफिकिंग, बाल विवाह सहित अन्य मुद्दों पर विचार किया गया. इस अवसर पर तीन बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना से जोड़ा गया एवं दो बच्चों को साइकिल देकर सम्मानित किया गया.
कार्यशाला में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने कहा कि अब ट्रैफिकिंग के तरीके में बदलाव आया है. अब बच्चियों की ट्रैफिकिंग ट्रेन से नहीं, बल्कि सड़क मार्ग से की जा रही है. उन्होंने कहा कि मानव तस्कर (ट्रैफिकर) बच्चों को बस से या निजी वाहनों से ले जाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में आयोग टोल गेट के कर्मियों को भी प्रशिक्षण देने का काम करेगा, ताकि वे मानव तस्करी की घटनाओं पर अंकुश लगाने में अपना योगदान दे सकें. उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य बच्चों की तस्करी को रोकने के लिए बेहतर कार्य कर रहा है.
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पदमश्री सुनीता कृष्णन ने कहा कि बच्चों की तस्करी एक गंभीर समस्या है. आज हमारी बच्चियां देश के विभिन्न शहरों में बिकने को मजबूर हैं. बच्चियों की सुरक्षा के लिए हमें जितनी ईमानदारी से कार्य करना चाहिए, वैसा नहीं कर पा रहे हैं.
इस दौरान पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने भी अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद भी बच्चों की सुरक्षा के लिए काम किया जा रहा है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के मार्गदर्शन में अब जमशेदपुर में भी बच्चों से जुड़े मुद्दों पर काम होगा.
नेशनल एक्शन को-ऑर्डिनेशन ग्रुप के अध्यक्ष राजन मोहंती ने कहा कि बच्चों को शोषण से बचाने के लिए नेशनल एक्शन पोलिनेशन ग्रुप पूरे दक्षिण एशिया में कार्य कर रहा है. हम सभी विभिन्न एनजीओ के सहयोग से देश के विभिन्न राज्यों में बच्चों को शोषणमुक्त करने के लिए कार्य कर रहे हैं.
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बाल कल्याण संघ के कार्यकारी सचिव एवं सीएसओ स्टैंडिंग कमिटी नीति आयोग के सदस्य संजय कुमार मिश्र ने कहा कि यह कार्यशाला राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा तैयार किये गये एसओपी को ध्यान में रखकर की गयी है. इसमें कठिन परिस्थितियों में रहनेवाले बच्चों को चिह्नित कर उन्हें सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने की पहल की जा रही है. बाल कल्याण संघ ने झारखंड के विभिन्न जिलों के बच्चों की मैपिंग करने हेतु कार्यक्रम की शुरुआत की है.
कैलाश सत्यार्थी फाउंडेशन के राकेश सिंह ने कहा, “महिलाओं एवं बच्चों को तस्करी से बचाना कोरोना काल में बहुत ही महत्वपूर्ण था. हमलोगों ने लगभग 2500 बच्चों को मानव तस्करी से बचाया है.” वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ एम तमिल वानन ने भी कार्यशाला को संबोधित किया. कार्यशाला के आयोजन में बाल कल्याण संघ के प्रमोद कुमार वर्मा, सुनील कुमार गुप्ता, अरविंद कुमार मिश्रा सहित अन्य का योगदान रहा.