
Ranchi : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से जुड़े एक मामले में सुनवाई के दौरान शुक्रवार को हाईकोर्ट ने पूछा कि किसके निर्णय से लालू प्रसाद को पेइंग वार्ड से रिम्स निदेशक के बंगले में और फिर पेइंग वार्ड में शिफ्ट किया गया. यह सुनवाई जस्टिस अपरेश कुमार के कोर्ट में चल रही थी. कोर्ट ने यह भी पूछा कि कैदी से अनावश्यक लोग मिलते हैं तो इसके जिम्मेदार कौन है?
महाधिवक्ता ने की समय की मांग
सुनवाई में सरकार का पक्ष रख रहे अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय की मांग की. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई तिथि 18 दिसंबर तय की है. आज सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से अदालत को बताया गया कि जेल मैनुअल के उल्लंघन के मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. अदालत ने कहा कि यह अलग मामला है. इस पर सीबीआई ने कहा कि लालू प्रसाद से पिछले 3 माह में कौन-कौन लोग मिले हैं इसकी सूची मांगी गई थी.
यह भी पूछा, कौन करता है लालू के सेवादार की नियुक्ति
आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह भी पूछा कि लालू प्रसाद को मिलने वाले सेवादार की नियुक्ति कौन करता है? कौन सेवादार हो सकते हैं ? इस पर भी राज्य सरकार को रिपोर्ट दाखिल करनी है. बता दें कि लालू प्रसाद से मिलने वाले लोगों की सूची समय पर नहीं मिलने पर पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आईजी जेल और बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के अधीक्षक को शो काज भी जारी किया था.
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