
Ranchi : झारखंड सरकार ने फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) को ‘नेशनल इंडस्ट्री पार्टनर’ बनाने का विचार किया है. इसके लिए उद्योग विभाग और FICCI के बीच एमओयू होगा. सीएम हेमंत सोरेन ने एमओयू प्रारूप को अनुमोदित कर दिया है. एमओयू के बाद दो साल तक फिक्की राज्य सरकार के नेशनल इंडस्ट्री पार्टनर के रूप में कार्य करेगा.
सांसद महेश पोद्दार ने इस संबंध में अपनी राय रखते हुए कहा है कि झारखंड चेंबर (FJCCI) की भी चिंताओं पर काम किया जाना चाहिए.
सुना है @ficci_india को नेशनल इंडस्ट्री पार्टनर बनायेगी झारखंड की @HemantSorenJMM सरकार।
राज्य में उद्यमियों-व्यापारियों की शीर्ष संस्था @FJCCI ट्रेड लाइसेंस/नक्शे पारित करने के नियम सरल करने,बंद हो रहे उद्योगों को बचाने,कानून व्यवस्था ठीक करने के लिए घिघियाती रहे। @yourBabulal— Mahesh Poddar (@maheshpoddarmp) November 30, 2020
ट्वीट करते हुए उन्होंने कहा है कि राज्य में उद्यमियों-व्यापारियों की शीर्ष संस्था FJCCI ट्रेड लाइसेंस, नक्शे पारित करने के नियम सरल करने की मांग करती रही है. बंद हो रहे उद्योगों को बचाने औऱ कानून व्यवस्था ठीक करने के लिए घिघियाती रही है, इसे देखने की जरूरत है.
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चेंबर के आरोपों पर नहीं आया जवाब
झारखंड फेडरेशन ऑफ चेंबर एंड कॉमर्स के प्रमुख कुणाल आजमानी ने पिछले दिनों कहा था- मंत्रियों-विधायकों के नाम पर घूस मांगी जा रहा है. चेंबर प्रमुख के इस बयान पर सत्तासीन मंत्रियों-विधायकों की कोई प्रतिक्रिया तक सामने नहीं आयी.
चाहे जिम्मेवार कोई भी हो, विधायिका बदनाम हो रही है. प्रतिकार के लिए संबंधित पक्षों को सामने आना चाहिए. महेश पोद्दार के अनुसार ऐसी चुप्पी बनी रहने से आम लोग इसे सच मानने लगेंगे.
इस बयान के बाद नौकरशाही की प्रतिक्रिया ये है कि उन्होंने व्यापारियों को ट्रेड लाइसेंस, नक़्शे आदि के नाम पर तंग करना शुरू कर दिया है. यही अराजकता अब झारखंड की नियति बनेगी.
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फिक्की के पार्टनर बनने से लाभ
FICCI को नेशनल इंडस्ट्री पार्टनर बनाये जाने से कोविड संकट के बाद राज्य सरकार सतत आर्थिक विकास और हालात को मजबूत करते हुए पहले जैसी स्थिति में वापस लाने की मुहिम में लगेगी. राज्य में निवेश और व्यापार को बढ़ावा देने के साथ ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को भी प्रोमोट किया जायेगा.
ऐसा करने से राज्य में व्यापार से संबंधित नियम-कानूनों को सरल बनाने में मदद मिलेगी. इससे व्यवसायियों को भी व्यापार करने का अनुकूल माहौल मिल सकेगा.
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