
Ranchi : प्रदेश भाजपा ने राज्य में वित्तीय कुप्रबंधन लाने का आरोप राज्य सरकार पर मढ़ा है. साथ ही राज्य में कानून व्यवस्था फेल होने और जंगलराज कायम होने का आरोप लगाया. प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दीपक प्रकाश ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जनता को दिग्भ्रमित कर हेमंत सरकार सत्ता में आयी. खजाना खाली होने और केंद्र से मदद नहीं मिलने का बहाना करती रही. स्थिति तो यह है कि राज्य सरकार वित्तीय कुप्रबंधन का शिकार पिछले दो सालों में हो चुकी है.
अभी देश में निकृष्ट वित्तीय कुप्रबंधन का सबसे बड़ा उदाहरण झारखंड है. केवल केंद्र से मिले पैसों के भरोसे ही वह सारी योजनाएं चला रही है पर उनमें से भी करीब करीब सभी योजनाओं के लिए वाजिब तरीके से पैसे खर्च नहीं कर पा रही. इसके अलावे राज्य में विधि व्यवस्था की हालत चिंताजनक है.
राज्य जंगलराज की ओऱ नहीं जा रहा, यहां जंगलराज स्थापित हो चुका है. चाईबासा में अलग देश की मांग राष्ट्रविरोधी ताकतों के फिर से खड़े होने के प्रमाण हैं. कॉन्फ्रेंस में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता योगेंद्र प्रसाद सिंह औऱ अन्य भी उपस्थित थे.
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केवल आरोप प्रत्यारोप पर सरकार
दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य के पास अपनी कोई योजना नहीं है. केंद्र पर सहयोग नहीं करने का आरोप यहां के वित्त मंत्री लगा रहे हैं. हेमंत सरकार बजट का पैसा खर्च नहीं कर पा रही. केंद्र की ओर से हर घर को नल से जल कनेक्शन के लिए जल जीवन मिशन कार्यक्रम चल रहा है. पर स्थिति यह है कि देश के सबसे पिछड़े 9 जिलों में से सभी जिले इसी राज्य से हैं.
मिशन के पैसे वापस लौट जा रहे हैं. कोरोना काल में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन प्लांट, दवाइयों तक के लिए अलग से पैसे केंद्र सरकार ने ही दिये हैं.
केंद्र के पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 2 लाख का बीमा लाभुकों का किया जाता है. अब तक यहां 22 लाख 43 हजार 746 हजार लोगों ने इसका लाभ उठाया है. अटल पेंशन योजना के जरिये कमजोर तबके के लोगों को 60 वर्ष की आयु के बाद 1000 से 5000 तक पेंशन का लाभ मिल सकता है.
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अब तक 8 लाख से अधिक को मदद केंद्र की सरकार ने दिया है. पीएम मुद्रा योजना के जरिये छोटे व्यवसायियों को 10 लाख तक की मदद मिलती है. 89 लाख 64 बजार 448 लोगों का सलेक्शन केंद्र की ओर से हो चुका है.
पर राज्य सरकार की विफलता से मात्र 40 हजार 863 को ही इसका लाभ मिल सका है. स्टैंड अप इंडिया के जरिये 1 करोड़ तक का लाभ एससी-एसटी, महिलाओं को दिया जाना है. पर आदिवासी हित की बात करने वाली सरकार यहां भी फेल है. इसके तहत 2416 खाता हैं. स्वीकृति के आधार पर 513 करोड़ का लाभ राज्य को मिलता तो हेमंत सरकार के कारण नहीं मिल सका है.
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पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि के जरिए भी गरीब वर्ग के लोगों को मदद मिलती है. 29 हजार 406 खातों को स्वीकृति दी गयी पर राज्य सरकार 27 हजार का ही पैसा ले सकी है.
मोरहाबादी के पास दो-दो पूर्व सीएम का निवास है. वहां गैंगवार हो गया. इससे पता लगता है कि राजधानी भी सुरक्षित नहीं है. चाईबासा के अंदर राष्ट्रविरोधी शक्तियां फिर से सर उठाने लगी हैं.
रघुवर सरकार ने ऐसी ताकतों के खिलाफ कार्रवाई की थी. इस सरकार ने मुकदमा, केस वापस कर उनका मनोबल बढ़ाया है. केवल अपराध ही नहीं बढ़ा है, राष्ट्रविरोधी शक्तियां भी सक्रिय हो चुकी हैं. अब जंगलराज आ चुका है.
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