
Ranchi: क्या झारखंड में अधिकारियों को राज्य में आदर्श आचार संहिता की परवाह है. जिस तरह से सारे नियम और कानून को ताक पर रख कर झारखंड के कई विभाग के अधिकारी टेंडर निकाल रहे हैं. उससे तो नहीं लगता कि आदर्श आचार संहिता की परवाह झारखंड में विभाग के अधिकारियों को है.

एक नवंबर को चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो चुकी है, बावजूद दूसरे ही दिन चार बड़े विभागों ने टेंडर नोटिस जारी किया. बिना रोक-टोक टेंडर निकालने का सिलसिला लगातार जारी है.
नगर विकास विभाग, पथ निर्माण विभाग, भवन निर्माण विभाग, पशुपालन विभाग, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग समेत कई विभागों ने विभिन्न कामों को लेकर टेंडर जारी किया है, जो आदर्श आचार संहिता का सरासर उल्लंघन है.

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इन विभागों ने निकाला है टेंडर
नगर विकास एवं आवास विभाग लोहरदगा ने प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए टेंडर निकाला है. बिड जमा करने की तिथि 22 नवंबर है और टेंडर 23 नवंबर को खोला जाना है. वहीं लघु सिचाई विभाग गुमला ने दस दिसंबर तक टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की है.

कार्यालय नगर परिषद चतरा ने एलईडी फ्लड लाईट के लिए टेंडर आमंत्रित किये हैं. नगर परिषद कार्यालय चतरा ने चापाकल मरम्मती के लिए टेंडर मंगाया है. टेंडर आज ही 8 नवंबर को खोला जाना है.
नगर पंचायत हुसैनाबाद पलामू ने पीसीसी पथ निर्माण, नाली निर्माण सहित कई कामों के लिए सात नवंबर तक टेंडर आमंत्रित किये गये थे. यह भी टेंडर 7 नवंबर को ही खोला जाना था. इसके अलावा पेयजल एवं स्वच्छता विभाग पथ निर्माण विभाग ने भी कई लाभकारी योजनाओं के लिए टेंडर मंगाये हैं, जो आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन है.
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क्या विभाग के सचिवों को नहीं है इस बात की जानकारी
सवाल यह है कि जिले में विभाग की तरफ से टेंडर धड़ल्ले से निकाले जा रहे हैं, तो ऐसे में विभाग के उच्च अधिकारी यानी सचिव स्तर के अधिकारी को इस बात की जानकारी नहीं है. दूसरी तरफ विज्ञापन पीआरडी की तरफ से अखबारों तक पहुंचता है.

तो क्या पीआरडी को इस बात की जानकारी नहीं है कि आचार संहिता के वक्त विकास कार्य के लिए टेंडर नहीं निकाला जाता है. या फिर सबकुछ जानते हुए भी आचार संहिता की परवाह किसी को नहीं है.
चुनाव आयोग से अनुमति लिये बगैर नहीं हो सकती टेंडर की प्रक्रियाः मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी
टेंडर के मामले पर न्यूज विंग ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनय कुमार चौबे से बात की. उन्होंने कहा कि कोई भी विभाग टेंडर की प्रक्रिया में नहीं जा सकता है. ऐसा करने से पहले उन्हें चुनाव आयोग से अनुमति हर हाल में लेनी होगी.





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