
Ranchi : राज्य सूखाड़ संकट की ओऱ जा रहा है. बारिश कम होने से नतीजा यह है कि फसलों की रोपाई का लक्ष्य पूरा करना मुश्किल हो चुका है. पिछले वर्ष 2021 की तुलना में अब तक इस वर्ष (26 अगस्त 2022) निर्धारित लक्ष्य आधा भी हासिल नहीं हुआ है. पिछले साल अगस्त के आखिर तक फसल रोपाई के लक्ष्य के विरूद्ध 88.37 प्रतिशत टारगेट पूरा कर लिया गया था. इनमें धान की रोपाई, मक्का, दाल, तिलहन और मोटे अनाज भी शामिल थे. इस साल स्थित यह है कि 43.67 फीसदी लक्ष्य ही हासिल हो पाया है. ऐसे में किसानों के साथ-साथ सरकार के माथे पर भी बल पड़ गया है.
किन फसलों की कितनी रोपाई
इस वर्ष 18 लाख हेक्टेयर में से 7 लाख 8 हजार 385 हेक्टेयर में ही धान की रोपाई हो सकी है जो लक्ष्य का 39.35 प्रतिशत ही है. पिछले साल (अगस्त 2021) 1750601 हेक्टेयर में से 97.26 प्रतिशत एरिया में रोपाई का टारगेट पूरा हो गया था. इसी तरह इस साल 312560 हेक्टेयर में से 204481 हेक्टेयर (65.42 प्रतिशत) में मक्के (Maize) लगाये गये हैं. पिछले वर्ष 270190 हेक्टेयर में से 86.44 फीसदी पर इसकी रोपाई कर ली गयी थी.
इस वर्ष 612900 हेक्टेयर में से 284130 पर ही (46.36 प्रतिशत) दाल (Pulses) लगाए जा सके हैं. पिछले साल इस समय 69.56 प्रतिशत तक यह काम कर लिया गया था. 60000 में से 24761 हेक्टेयर (41.27 प्रतिशत) पर ही तिलहन (Oilseeds) लगाया गया है. पिछले वर्ष निर्धारित लक्ष्य का 52.20 प्रतिशत हो गया था. इस वर्ष 42000 हेक्टेयर में से 13008 (30.97 प्रतिशत) हेक्टेयर पर मोटे अनाज (Coarse Cereals) लगाए जा सके हैं. पिछले साल इस समय तक 48.25 प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो गया था.
कमजोर मॉनसून
कृषि, पशुपालन विभाग (झारखंड सरकार) के हिसाब से इस साल अपेक्षित तौर पर बारिश नहीं होने का खामियाजा भी किसानों को उठाना पड़ रहा है. जून से अगस्त की अवधि में सामान्य बारिश के विरूद्ध 2021-22 में 97.92 फीसदी तक बारिश हो गयी. पर इस साल (2022-23) में यह महज 61.89 फीसदी ही हुआ है.
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