
RAJESH TIWARI
Ranchi: झारखंड प्रदेश कांग्रेस की कहानी भी अजीब है, चार वर्षों में प्रदेश कांग्रेस को तीन अध्यक्ष मिल गये लेकिन, कमेटी का विस्तार आज तक नहीं हुआ. विस्तार के नाम पर केवल कार्यकारी अध्यक्ष थोपे जा रहे हैं. जो लोग पूर्व में कमेटी विस्तार की मांग करते नहीं अघाते थे, आज जब उनके हाथों में पार्टी की कमान आई है, वो भी पुरानी रपटीली राहों पर चल रहे हैं. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत के बाद किसी अध्यक्ष ने कमेटी विस्तार नहीं किया. जबकि, इसे प्राथमिकता के आधार पर लिया जाना चाहिये था, लेकिन इसपर आज बातें नहीं हो रही है. जबकि, स्टेट कमेटी हो या जिला कमेटी सबकी अपनी-अपनी जगह इंपॉर्टेंस होती है. कमेटी का विस्तार एक तरह से पुराने और सक्रिय कार्यकर्ताओं को सम्मान देने का भी जरिया है. कमेटी का विस्तार पार्टी को मजबूत बनाता है.
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पूर्व अध्यक्ष सुखदेव की बनायी कमेटी पर लगा दी थी मुहर




सुखदेव भगत के बाद 2017 में डॉ अजय कुमार ने पार्टी की बागडोर संभाली. कुछ पदाधिकारियों की घोषणा हुई, लेकिन पार्टी के विस्तार की बात आयी तो पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत की बनायी कमेटी पर ही मुहर लगा दी गयी. इसके बाद 26 अगस्त 2019 को डॉ रामेश्वर उरांव के हाथों पार्टी का जिम्मा आया. उन्होंने भी जल्द ही कमेटी विस्तार की बात कही थी, लेकिन नहीं हुआ. सब दिन यही कहते रहे कि जल्द ही प्रदेश कमेटी का विस्तार किया जायेगा. कोरोना संक्रमण के कारण कमेटी के विस्तार में समय लग रहा है. विभिन्न जिलों का भ्रमण कर संगठन को दुरुस्त करने का काम किया जा रहा है. उनकी कही बात हवा-हवाई साबित होती रही.
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पदाधिकारियों को जिम्मेवारी तो मिली, कार्यकर्ता फिर रहे गये पीछे
उनके समय में कमेटी तो नहीं बनीं, लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष की घोषणा प्रमुखता के साथ कर दिया गया. इनमें राजेश ठाकुर, डॉ इरफान अंसारी, केशव महतो कमलेश, मानस सिन्हा व संजय पासवान भी शामिल हैं. इसके बाद 25 अगस्त 2021 में राजेश ठाकुर के हाथों पार्टी की कमान आयी. इन्होंने भी पद संभालते ही कार्यकारी अध्यक्ष की सूची बन गयी. इस सूची में विधायक बंधु तिर्की, सांसद गीता कोड़ा, जलेश्वर महतो व शहजादा अनवर को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी गयी. वहीं, मीडिया टीम की लंबी फेहरिस्त भी जारी कर दी गयी. कमेटी विस्तार के नाम पर नये कप्तान ने भी बस आश्वासन ही दे रखा है.