
Ranchi: सोलर लाइट खरीद गड़बड़ी के मामले में ग्रामीण विकास विभाग ने अधिकारियों से सवाल-जवाब किया है. निगरानी ब्यूरो की रिपोर्ट के बाद कार्मिक विभाग ने ग्रामीण विकास विभाग से कहा था कि इस मामले में शामिल अधिकारियों का पक्ष लिया जाए. इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग ने पांच आइएएस अधिकारियों, राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों, इंजीनियर एवं अन्य पदाधिकारियों से प्रतिक्रिया मांगी है.
इसे भी पढ़ें: 12वीं हॉकी इंडिया राष्ट्रीय सब जूनियर चैंपियनशिप: क्वार्टर फाइनल में पहुंची झारखंड की टीम, 20-0 से गुजरात को धोया
करीब दस साल पहले सांसद-विधायक फंड से राज्य चार जिलों में गिरिडीह,गोड्डा,दुमका व देवघर में अनियमितता की शिकायत आयी थी. शिकायत मिली थी कि सोलर स्ट्रीट लाइट लगाने में टेंडर मैनेज, डीजीएस एंड डी दर से दोगुणा से भी अधिक दर का भुगतान कर लोकधन का दुरूपयोग किया गया. पूरे मामले में राज्य सरकार ने 2013 में एसीबी जांच का आदेश दिया था. दो साल बाद एसीबी ने पूरे मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट 2015 में सरकार को सौंप दिया था. अपनी अंतिम रिपोर्ट में आइएएस अधिकारी वंदना दादेल, के.रवि कुमार,मस्तराम मीणा, प्रशांत कुमार,दीप्रवा लकड़ा सहित 23 अधिकारियों को जिम्मेदार माना था. रिपोर्ट में यह कहा गया था कि इन अधिकारियों ने स्वेच्छारिता व वित्तीय नियमों का उल्लंघन कर राशि का भुगतान कराया. दुमका में यह बात भी सामने आयी कि 263 सोलर स्ट्रीट लाइट एवं 220 होम लाइट खरीद में बिहार सामग्री खरीद अधिमान्य की अनदेखी व वित्त विभागीय नियमावली की अनदेखी की गयी. एसीबी ने इन अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही चलाने की अनुशंसा की थी. एसीबी की रिपोर्ट के चार साल बाद अब फिर से इस मामले की जांच शुरू हुई है. शामिल अधिकारियों से उनका पक्ष लिया जा रहा है.

