
- 33 पुस्तकालय और 118 पंचायतों में बनेंगे सामुदायिक पुस्तकालय
- साइबर क्राइम का गढ़ होने के कलंक से मुक्ति दिलाने के लिए सरकारी की एक अनूठी पहल
Ranchi : देश के महान समाज सुधारक पंडित ईश्वर चंद्र विद्यासागर की कर्मभूमि जामताड़ा पिछले कई वर्षों से साइबर अपराध के कारण सुर्खियां में रहा है. इसमें जिले के नारायणपुर, करमाटांड प्रखंड विशेष तौर पर साइबर अपराध के लिए चर्चा में बना रहा है. लेकिन अब राज्य सरकार ने इसकी पहचान बदलने की पहल कर दी है.
अब यह क्षेत्र शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाएगा. जिला प्रशासन ने यहां पर कुल 33 पुस्तकालय और 118 पंचायतों में सामुदायिक पुस्तकालय बनाने का फैसला किया है.
वर्तमान वित्तीय वर्ष में जिले के लालचंदडीह, महतोडीह एवं करमाटांड प्रखंड के सियाटांड़, नाला प्रखंड के पंचायत भवन, फतेहपुर पंचायत एवं कुण्डहित प्रखंड परिसर समेत अन्य स्थानों में यहां 33 सामुदायिक पुस्तकालय बनाया गया है.
यह पुस्तकालय सीएसआर एवं सामुदायिक सहयोग से पुराने एवं बेकार जर्जर भवनों का जीर्णोद्धार करके बना हैं. अगले वर्ष तक सभी 118 पंचायतों में सामुदायिक पुस्तकालय शुरू करने की कार्य योजना पर सरकार कार्य कर रही है.
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परीक्षा की तैयारी में सहायक बना पुस्तकालय, शिक्षक की प्रतिनियुक्ति भी
बता दें कि कोरोना संक्रमण काल में 10वीं और 12वीं की परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों की पढाई बाधित हुई. लेकिन सामुदायिक पुस्तकालय ऐसे छात्रों के लिये वरदान साबित हुआ. इनके लिये राज्य सरकार गणित और विज्ञान के लिये क्लास संचालित करवा रही है.
प्रत्येक रविवार को शिक्षक छात्रों के बीच पहुंच कर विभिन्न विषयों की विस्तार से जानकारी दे रहें हैं, ताकि होने वाली परीक्षा में छात्रों को परेशानी का सामना ना करना पड़े. इन पुस्तकालयों का सर्वाधिक उपयोग परीक्षा की तैयारी हेतु छात्र कर रहें हैं.
जामताड़ा में संचालित सामुदायिक पुस्तकालय भवनों के पोषक क्षेत्र में आने वाले पुस्तकालय में प्रति पुस्तकालय दो-दो शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की गयी है.
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लोगों ने बदलाव किया स्वीकार, बच्चों का होगा शैक्षणिक व सकारात्मक बदलाव
यहां के लोगों ने भी इस बदलाव को स्वीकार कर लिया है. इन भवनों में बच्चे और युवा डिस्कवरी ऑफ इंडिया, इंडियन इकॉनमी, इंडिया आफ्टर गांधी जैसी पुस्तकें अपने गांव में ही पढ़ेंगे. सरकार के यह पहल क्षेत्र के युवाओं और बच्चों के शैक्षणिक विकास और सकारात्मक बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.
इन पुस्तकालयों का संचालन आम सभा के द्वारा गठित पुस्तकालय प्रबंधन समिति के माध्यम से किया जा रहा है. सभी पुस्तकालयों में पुस्तकों की उपलब्धता एवं अन्य मूलभूत व्यवस्थाएं सीएसआर फंड से उपलब्ध कराया जा रहा है.
समुदाय में पढ़ने-पढ़ाने और सीखने-सीखाने का एक माहौल बनेगा : डीसी
बच्चों के शैक्षणिक विकास में पुस्तकालय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. पुस्तकालय में पुस्तकें पाठ्यक्रम से अलग हटकर होती हैं. सामुदायिक पुस्तकालय ऐसा स्थान है, जहां पुस्तकों के उपयोग का सुनियोजित विधान होता है.
कोई भी अपनी रुचि के अनुरूप इसका सदस्य बन सकता है तथा वहां की पुस्तकों का उपयोग कर सकता है. इस तरह के पुस्तकालयों के उपयोग से समुदाय में पढ़ने-पढ़ाने और सीखने-सीखाने का एक माहौल बनेगा.
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