
Jamshedpur : लोयोला स्कूल के बच्चों के लिए बाल श्रम के बारे में जानना काफी प्रेरक रहा. स्कूल ने सोमवार को स्कूल एसेंबली में विश्व बालश्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) को नायाब तरीके से मनाया. गत 12 जून को संपन्न इस दिवस के महत्व के बारे में बच्चों को बताने और उन्हें संवेदनशील बनाने के लिए स्कूल विद्यार्थियों ने नुक्कड़ नाटक का मंचन किया. टू टेल्स ऑफ वन सिटी नामक इस नाटक में एक ही शहर के दो पूरी तरह से अलग बच्चों के जीवन को दिखाया गया. एक अमीर बिगड़ैल बच्चा, तो दूसरा भोजन कमाने के लिए कड़ी मेहनत करने वाला बच्चा. इस मार्मिक नाटक ने स्कूल के बच्चों को न केवल जागरूक किया, बल्कि सोचने पर मजबूर किया कि वे कितने भाग्यशाली हैं कि वे अच्छे परिवार से हैं और एक अच्छे स्कूल में पढ़ने में सक्षम हैं. नाटक का निर्देशन सीनियर अंग्रेजी शिक्षिका अदिति रॉय ने किया. स्कूल प्रिंसिपल फादर पायस फर्नांडीस ने इस नाटक के मंचन के लिए बच्चों और शिक्षकों को धन्यवाद दिया.
दुनिया में हर 10 बच्चों से एक बच्चा बाल मजदूरी का शिकार
दुनिया भर में हर साल करोड़ों बच्चे पढ़ाई-लिखाई छोड़कर बाल मजदूरी में लग जाते हैं. ऐसे में उनके बचपन को बचाने और लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है. दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में यह दिवस मनाया जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर 10 बच्चों से एक बच्चा बाल मजदूरी का शिकार है. लेकिन वर्ष 2000 के बाद से बाल मजदूरी करनेवाले बच्चों की संख्या कम हुई है. इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (International Labour Organisation) के आंकड़ों के अनुसार पूरी दुनिया में करीब 152 मिलियन बच्चे बाल श्रम करते हैं. इनमें 72 मिलियन बच्चे बेहद खतरनाक हालात में काम करते हैं.


पहली बार 2002 में मना विश्व बाल श्रम निषेध दिवस




पहली बार इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन (ILO) विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाने का प्रस्ताव दिया था. इसकी शुरुआत वर्ष 2002 में की गयी थी. विश्व श्रम दिवस 2022 की थीम है “‘सार्वभौमिक सामाजिक संरक्षण और बाल श्रम” (Universal Social Protection to And Child Labour). यानी बाल मजदूरी को रोकने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है.
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