
Jamshedpur : राज्य सरकार के नगर विकास विभाग की ओर से सर्किल रेट के आधार पर होल्डिंग टैक्स लेने की अधिसूचना जारी होने के बाद निगम क्षेत्रों में होल्डिंग टैक्स में बढ़ोत्तरी हो गई है. इससे विभिन्न क्षेत्रों के लोगों में रोष का माहौल है. उनका कहना है कि पहले क्षेत्र में स्तरीय सुविधा मुहैया करायी जाये, उसके बाद होल्डिंग टैक्स में किसी तरह की बढ़ोत्तरी की जाये. इस मामले से जमशेदपुर के जुगसलाई नगर परिषद और पड़ोसी जिले सरायकेला-खरसावां के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के लोग भी अछूते नहीं हैं. उनमें बगैर क्षेत्र की नागरिक सुविधाओं में बढ़ोत्तरी के होल्डिंग टैक्स बढ़ाने को लेकर रोष का माहौल है. नतीजन मंगलवार को जहां जुगसलाई के लोगों ने नगर परिषद कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया, वहीं आदित्यपुर के लोग भी होल्डिंग टैक्स में बढ़ोत्तरी के खिलाफ सामाजिक संस्था जनकल्याण मोर्चा के बैनर तले गोलबंद होने लगे हैं. उन्होंने इस मामले में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की भी चेतावनी दे डाली है.
क्या कहते हैं जुगसलाई के लोग
जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र के लोगों का कहना है कि मकान और क्षेत्रफल के अनुसार होल्डिंग टैक्स में तीन से पांच गुना तक वृद्धि कर दी गयी है. यह कहीं से भी क्षेत्र की जनता के लिये व्यवहारिक नहीं है. क्योंकि दो वर्षों तक कोरोना महामारी से जूझने के बाद लोगों की आर्थिक स्थिति पूरी तरह से चरमरा गयी है. उसके बाद अचानक से होल्डिंग टैक्स में तीन बढ़ोत्तरी होना क्षेत्र की जनता के स्वीकार करने लायक नहीं है. उन्होंने बताया कि समय-समय पर टैक्स में वृद्धि होना तो समझ में आता है, लेकिन उसका भी एक निश्चित प्रारूप होना चाहिए. नगर विकास विभाग को प्रति तीन वर्ष के बाद होल्डिंग टैक्स में दस प्रतिशत की बढ़ोत्तरी का मसौदा तैयार कर उसे लागू करना चाहिए. ताकि जनता पर एकाएक हद से ज्यादा आर्थिक बोझ नहीं बढ़े. फिर भी जनता की सहूलियत की अनदेखी कर अचानक होल्डिंग टैक्स में तीन गुणा बढ़ोत्तरी कर दी गई है. इसका विरोध आगे भी जारी रहेगा.


यह कहना है आदित्यपुर के लोगों का




दूसरी ओर आदित्यपुर के लोगों का कहना है कि राज्य सरकार ने होल्डिंग टैक्स की दर में 20 से 40 प्रतिशत बढ़ोत्तरी कर दी है, जबकि जमीनी हालात यह है कि आदित्यपुर निगम क्षेत्र के लोग पहले से ही बिजली, पानी के अलावा ध्वस्त सीवरेज सिस्टम जैसी समस्याओं से त्रस्त हैं. इसके अलावा किसी न किसी कार्य को लेकर क्षेत्र की सड़कों को जहां-तहां तोड़ने और फिर उसकी मरम्मत का काम चल रहा है. इससे लोगों का सड़क पर चलना दूभर हो गया है. जाहिर तौर पर क्षेत्र के लोग स्तरीय तो क्या, जरुरी बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित है. जबतक ये सारी सुविधायें पूरी तरह से बहाल नहीं हो जाती है, तबतक होल्डिंग टैक्स में इस तरह की अप्रत्याशित ढ़ंग से बढ़ोत्तरी कहीं से भी जनहित में जायज नहीं है. इस पूरे मामले में जनकल्याण मोर्चा के साथ अधिवक्ता संघ भी सामने आया है. संघ के अध्यक्ष ओम प्रकाश का कहना है कि इस मामले में निगम के अधिकारी से मिलकर जनहित में फैसला लेने की मांग की जायेगी. फिर भी क्षेत्र के लोगों की जायज मांगे नहीं माने जाने पर उन्होंने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर करने की चेतावनी दी है.