
Jamshedpur : सरायकेला-खरसावां जिले के आदित्यपुर के आरआईटी थाना क्षेत्र में मानवता को शर्मसार करनेवाला एक मामला सामने आया है. क्षेत्र के बाबा कुटी की सड़कों और गलियों में बीते कुछ दिनों से अपने बेटे और की खोज में एक 85 वर्षीय बुजुर्ग भटकता फिर रहा है. उसकी हालत देख जब लोगों से रहा नहीं गया तो उन्होंने बुजुर्ग से इस तरह भटकने का कारण पूछा. इस पर उस बुजुर्ग की आंखों से आंसू छलक आए. वहीं बुजर्ग की बातों से ऐसा लगा कि उम्र के इस पड़ाव पर उनकी यादाश्त भी कुछ मद्धिम पड़ चुकी है.
उन्होंने अपना नाम बंसी राम बताते हुए कहा कि उनके चार बेटे हैं. उनका असली नाम भले ही बुजर्ग को याद नहीं आ रहा था. फिर भी उन्होंने अपने बेटों के नाम आकाश, प्रकाश, विकास और सबुना बताया. इनमें से तीन बेटे बिहार के छपरा जिले के सौरेजी गांव में रहते हैं, जबकि एक बेटा विकास यहीं रहता है. उसने यहीं कहीं घर बना रखा है. वे बीते दिनों उसी के पास आए थे, लेकिन बेटे ने अपने पिता को घुमाने ले जाने की बात कह कर मोटरसाइकिल पर बैठाया और थोड़ी देर में आने की बात कहते हुए उन्हें बीच सड़क पर छोड़ दिया. उसके बाद बुजुर्ग अपने बेटों के आने का इंतजार करते रह गये, लेकिन उनका बेटा दोबारा उनके पास लौटकर नहीं आया.
बेटों में बांट दी जीवन भर की कमाई


बुजुर्ग बंसी राम का कहना है कि उन्होंने चालीस साल तक टाटा स्टील में नौकरी की. उसके बाद अपनी सारी संपत्ति और जायदाद बेटों में बांट दिया और गांव जाकर रहने लगे. उस बीच गांव में जब पैसे खत्म होते ही पारिवारिक कलह बढ़ गई. वे एक हफ्ते के लिए अपने बेटे विकास के पास आए थे, लेकिन यहां भी जिंदगी भर की कमाई बेटों को दे देनेवाले बुजुर्ग बंसी राम दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश हैं. स्थानीय लोगों ने इस पूरे मामले की सूचना आरआईटी थाने की पुलिस को दी है. ताकि पुलिस के सहयोग से बुजुर्ग का कुछ भला किया जा सके. इस बीच लोगों ने बुजुर्ग को बिस्किट, चाय- पानी देकर उनका दर्द बांटने की भी कोशिश की.



