
Ghatshila : मुसाबनी प्रखंड के कुईलीसुता गांव के श्रीमंत कुमार श्यामल ने जब बकरी पालन के लिए लोन अप्लाई किया था, तो उन्हें कहां पता था कि इसके चक्कर में उन्हें दर-दर भटकना पड़ जायेगा. लेकिन श्रीमंत के साथ ऐसा ही हुआ. लोन का पैसा आते ही उनका खाता फ्रीज कर दिया गया. अब खाते में रखे उनके अपने पैसे भी फंस गये हैं. श्रीमंत अब सरकारी अफसरों के चक्कर काट रहे हैं कि भाई लोन का पैसा भले वापस ले लो, लेकिन मेरा खाता तो मुक्त करो, ताकि मैं अपने पैसों निकाल सकूं. श्रीमंत कुमार श्यामल अपनी पत्नी के साथ मंगलवार को मुसाबनी प्रखंड कार्यालय पहुंचे थे. वहां उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम एक आवेदन सौंपकर कहा है कि उनका सैलरी खाता चालू कराया जाये.
सैलरी खाते में आया पैसा तो खाता हुआ फ्रीज
मामले की जानकारी देते हुए श्रीमंत ने बताया कि उन्होंने बकरी पालन के लिए 12400 रुपये का लोन लिया था. लोन का पैसा उनके खाते में गया था. उन्होंने अभी लोन का पैसा निकाला भी नहीं था कि इस बीच वह जिस प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं, वहां से उनकी सैलरी 12000 रुपये भी उसी खाते में आ गयी. जब वे सैलरी का पैसा निकालने बैंक गये, तो वहां बताया गया कि उनका खाता तो फ्रीज है. इस खाते से वह पैसा नहीं निकाल सकते. परेशान होकर श्रीमंत ने बीडीओ को ज्ञापन सौंपा है. बीडीओ ने संबंधित विभाग के पदाधिकारी से दूरभाष पर बात कर बताया कि उनके खाते में लोन का 12400 और खाते में आया वेतन का 12000 रुपया यानी 24000 रुपया खाता में ही रहेगा. वह ये पैसे नहीं निकाल सकते.


बेटी के पैर का ऑपरेशन होना है, पैसे नहीं होने से परेशानी




श्रीमंत कुमार श्यामल और उनकी पत्नी ने मायूस होकर बताया कि उन्हें रुपयों की सख्त जरूरत है. उनकी बेटी के पैर का ऑपरेशन कराना है और उनके पास रकम नहीं है. उन्होंने बताया कि उनका खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में है. उन्हें लोन नहीं चाहिए. लोन का पैसा सरकार वापस ले ले और उनका पैसा बैंक से निकालने दे. श्रीमंत ने कहा है कि वे जल्द ही पशुपालन विभाग के पदाधिकारी से मिलकर गुहार लगायेंगे.
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