
Jamshedpur : नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के खिलाफ 1 से 7 फरवरी तक चलाये जा रहे अखिल भारतीय प्रचार सप्ताह के तहत सोमवार को एआईडीएसओ की पूर्वी सिंहभूम जिला कमिटी ने पूर्वी सिंहभूम जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को ज्ञापन दिया गया. इस मौके पर प्रदेश सचिव समर महतो ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिस नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी है, वह शिक्षा के चौतरफा निजीकरण, व्यापारीकरण, व्यवसायीकरण व सांप्रदायीकरण को बढ़ावा देने वाली है. शिक्षा नीतियों के निर्धारण में सारी जनवादी प्रक्रियाओं को ताक पर रखते हुए शिक्षाविदों, छात्र व शिक्षक संगठनों के सुझावों को पूरी तरह दरकिनार करते हुए और महामारी की भयावह परिस्थितियों को एक अवसर की तरह उपयोग कर केंद्र सरकार कुटिलता पूर्वक अपने एजेंडे को लागू कर रही है.

एडसों की पूर्वी सिंहभूम की जिला सचिव सोनी सेनगुप्ता ने कहा कि नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 देश में शिक्षा व्यवस्था पर विनाशकारी प्रभाव डालेगी और शिक्षा को बाजारू माल में तब्दील कर देशी-विदेशी पूंजीपतियों के लिए आम गरीब जनता के शोषण का रास्ता खोल देगी. स्कूली शिक्षा की पुरानी पद्धति को बदलकर अब 5 + 3 + 3 + 4 शिक्षा पद्धति को लागू किया जा रहा है, जिसमें 1 व 2 क्लास के बच्चों की शिक्षण प्रक्रिया उन आंगनबाड़ियों के हाथ में सौंप दी जायेगी, जो पहले ही वेंटीलेटर पर है. क्लास 1 से 8 तक फेल न करने की नीति को जस की तस लागू रखना पूरी शिक्षा व्यवस्था को ही संकट में डाल देगा. इसी तरह उच्च शिक्षा में 3 साल के स्नातक डिग्री कोर्स को मल्टीपल एंट्रेंस ,एग्जिट सिस्टम के साथ बढ़ाकर 4 साल का करके व कॉलेज, विश्विद्यालय को स्वायत्तता देकर भारतीय उच्च शिक्षा को विश्व बाजार के अनुरूप ढालने की योजना तैयार की गयी है. जिसके चलते धीरे-धीरे शिक्षा महंगी होगी और आम छात्रों से दूर होती जायेगी. इस मौके उपस्थित सविता सोरेन, बबीता सोरेन, झरना महतो, सुमन मुखर्जी, विशाल महतो, तक्सीन खान, नंदनी कुमारी, शिबू सोरेन, आदि मौजूद थे.

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