
Jamshedpur : समाहरणालय सभागार जमशेदपुर में उपायुक्त विजया जाधव की अध्यक्षता में जिला समाज कल्याण विभाग की समीक्षात्मक बैठक हुई, जिसमें सभी प्रखंडों के वरीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे. उपायुक्त ने सभी सीडीपीओ को प्रखंड मुख्यालय में अनिवार्य रूप से आवासन का निर्देश दिया. कहा कि सभी विभागीय योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत योग्य लाभुकों को ससमय मिले, इसे सुनिश्चित करें. साथ ही सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को प्रत्येक माह में 15-20 दिन फिल्ड विजिट करने हेतु निर्देशित किया.
आंगनबाड़ी केन्द्रों में बच्चों को मिलने वाले पोषाहार का विशेष ध्यान रखने तथा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका भी अनिवार्य से लगाने का निर्देश दिया, ताकि पौष्टिक एवं संतुलित आहार बच्चों को मिलना सुनिश्चित हो सके. बैठक में मुख्यमंत्री सुकन्या योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि जिले में लक्ष्य के मुताबिक शत प्रतिशत उपलब्धि है. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में पूरे राज्य में पूर्वी सिंहभूम जिला दूसरे स्थान पर हालांकि 80 फीसदी से कम उपलब्धि वाले प्रखंड जिनमें धालभूमगढ़, बहरागोड़ा, बोड़ाम, पटमदा, डुमरिया शामिल हैं, इनके सीडीपीओ-पर्यवेक्षिका से इसमें अपेक्षित प्रगति लाने के निर्देश दिए गए. वहीं जिन लाभुकों के बैंक खाते में सुधार की आवश्यकता है, उनसे संबंधित बैंक ब्रांच से समन्वय स्थापित करते हुए कैम्प मोड में कार्य करते हुए एक सप्ताह में सुधार करने का निर्देश दिया गया. जिले में सेविका के 26 तथा सहायिका के 33 रिक्त पदों को आमसभा के माध्यम से जल्द भरने का निर्देश दिया गया. उपायुक्त ने कहा कि आम सभा से पहले गांवों में इससे संबंधित अहर्ता के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार करें तथा ग्रामवासियों के साथ बैठक कर भी इसकी जानकारी दें. तत्पश्चात नोटिस निकालते हुए ग्राम सभा के माध्यम से रिक्त पदों को एक महीने के भीतर भरना सुनिश्चित करें.
बैठक में बच्चों के पूरक पोषाहार योजना को लेकर विमर्श करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए गए कि मेन्यू के मुताबिक पोषाहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ बच्चों के पोषण पूर्ति को लेकर निर्धारत संसाधनों में और क्या बेहतर किया जा सकता है, इसपर भी विशेष अभिरूचि लें. उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि बच्चों के ब्रेकफास्ट, लंच, खाने से पहले हाथ धोने का फोटो संबंधित विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में जरूर शेयर करें. कुपोषित बच्चों को ससमय उचित चिकित्सीय परामर्श मिल सके, इस संबंध में सभी सीडीपीओ को संबंधित प्रखंडों के एमओआईसी के साथ समन्वय स्थापित करते हुए एमटीसी में रेफर कराने का निर्देश दिया गया. जिले में अवस्थित कुल पांच एमटीसी में उपलब्ध 70 बेड के विरूद्ध 44 बच्चे भर्ती हैं, इस संबंध में उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी एमटीसी में शत प्रतिशत बेड ऑक्यूपेंसी सुनिश्चित करें. स्वस्थ बालक-बालिका स्पर्धा जिसमें 0-06 वर्ष के बच्चों की वृद्धि की निगरानी की जाती है, इसे अनिवार्य रूप से आंगनबाड़ी केन्द्रवार सभी योग्य बच्चों के सतत निगरानी हेतु निर्देशित किया गया.

मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को अपग्रेड करने हेतु सभी सीडीपीओ को जिला मुख्यालय में रिपोर्ट समर्पित करने का निर्देश दिया गया. बैठक में आंगनबाड़ी केन्द्रों में उपलब्ध मूलभूत सुविधायें यथा बिजली, पेयजल, शौचालय की उपलब्धता की भी समीक्षा की गई. जिन केन्द्रों में मूलभूत सुविधाओं की कमी है, इसके संबंध में रिपोर्ट जिला मुख्यालय में समर्पित करने का निर्देश दिया गया.


डायन कुप्रथा उन्मूलन के संबंध में उपायुक्त ने कहा कि इसके समुचित रूप से उन्मूलन हेतु व्यापक रूप से ग्राम एवं पंचायत स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाते हुए लोगों के बीच जागरूकता लायें तथा कानूनी कार्रवाई से अवगत करायें. उन्होंने कहा कि डायन कुप्रथा समाज के लिए अभिशाप है. यह किसी भी तरह से स्वीकार्य नहीं है. इसमें संलिप्त व्यक्ति या समूह के विरूद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. बैठक में दिव्यांग यंत्र, दिव्यांग छात्रवृत्ति, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, तेजस्विनी योजना की समीक्षा के साथ-साथ एनीमिया से बचाव को लेकर भी लोगों में जागरूकता लाने का निर्देश दिया गया. बैठक में विभिन्न प्रखंडों के वरीय पदाधिकारियों में उप विकास आयुक्त प्रदीप प्रसाद, निदेशक डीआरडी सौरव सिन्हा, निदेशक एनईपी ज्योत्सना सिंह, जिला परिवहन पदाधिकारी दिनेश रंजन, डीसीएलआर रविन्द्र गगरई तथा जिला समाज कल्याण पदाधिकारी सत्या ठाकुर, सिविल सर्जन डॉ एके लाल, एसीएमओ डॉ साहिर पाल, डीआरसीएचओ डॉ जुझार माझी, सभी प्रखंडों के एमओआईसी, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका, समाहरणालय सभागार से तथा बाल विकास परियोजना के अतिरिक्त प्रभार वाले बीडीओ एवं सीओ वर्चुअल माध्यम से जुड़े.
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