
Abinash Mishra
Jamshedpur: विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के बागी नेता सरयू राय सबसे ज्यादा सर्च किये जा रहे हैं. सरयू राय ने झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ जिस दिन चुनाव लड़ने का ऐलान किया उस दिन सबसे ज्यादा लोगों ने सरयू राय को सर्च किया.
आंकड़े भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि सरयू राय गूगल ट्रेंड के पसंदीदा हैं. 15 नंवबर 2019 तक सरयू राय टिकट के इंतजार में थे, उस दिन तक गूगल ट्रेंड में उनका वॉल्यूम 19 फीसदी था. लेकिन जैसे ही उसके अगले दिन यानी 16 नवंबर को सरयू राय ने बगावती तेवर दिखाये, उनका वॉल्यूम 19 परसेंट से उछल कर 76 परसेंट हो गया.


वहीं 17 नवंबर को 100 फीसदी का वॉल्यूम हो गया यानी कि गूगल ट्रेंड पर सर्वाधिक सर्च किये गये नेता उनको सर्च करने का सिलसिला अब भी थमा नहीं है.




अब भी 100 फीसदी के आसपास ही सरयू राय ट्रेंड में हैं. हालाकि 18 नवंबर को जब ये साफ हुआ कि अब सीएम और सरयू राय आमने-सामने होंगे, उस दिन सीएम रघुवर दास भी अच्छे खासे ट्रेंड में रहे.
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झारखंड और बिहार में सबसे ज्यादा क्रेज
चुनाव में भाजपा का टिकट कटते ही निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले के बाद सरयू राय का झाऱखंड में ट्रेंड करना तो स्वभाविक था ही लेकिन बिहार में भी उनका क्रेज खूब दिख रहा है.
16 नवंबर से अब तक रोज के हिसाब से 20 फीसदी का औसत वाल्यूम उनके प्रति बिहार में भी देखा जा रहा है. जबकि इस मामले में रघुवर दास का वॉल्यूम 2 या 3 परसेंट के आसपास है.
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देवेंद्र सिंह और बन्ना ने माना है सरयू का लोहा
इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरयू राय का लोहा विरोधी भी मानते हैं. पश्चिम से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे देंवेद्रनाथ सिंह भी कह चुके हैं कि वे सरयू राय का आदर करते हैं और अगर सरयू राय चुनावी मैदान में नहीं उतरते तो उनका आशीर्वाद लेने जरूर जाते.
वहीं काग्रेस से चुनाव लड़ रहे बन्ना गुप्ता ने भी सरयू राय के टिकट काटे जाने पर कहा सरयू राय के साथ इस तरह का बर्ताव भाजपा ही कर सकती है लेकिन जमशेदपुर की जनता सरयू राय को जानती है और अगर रघुवर दास सरयू राय को अब तक नहीं जाने सके हैं तो चुनाव नतीजों के बाद जान लेंगे.
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