
Jamshedpur : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पूर्वी सिंहभूम जिले की आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं ने उपायुक्त कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से अपना वादा पूरा करने की मांग की. इस मौके पर झारखंड राज्य आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका महासंघ की जिलाध्यक्ष पुष्पा महतो ने कहा कि 2019 में सत्ता संभालने के पहले हेमंत सोरेन ने आंदोलनरत सेविका-सहायिकाओं के मंच से घोषणा की थी कि उनकी सरकार बनने पर महिलाओं के मानदेय में बढ़ोतरी के साथ ही उनके स्थायीकरण पर विचार किया जायेगा. लेकिन मुख्यमंत्री को अपना वादा याद नहीं रहा. उनकी सरकार के इन दो वर्षों में स्थायीकरण तो दूर की बात, मानदेय में भी बढ़ोतरी नहीं की गयी.
3444 सेविका-सहायिका हैं पूर्वी सिंहभूम जिले में
पूर्वी सिंहभूम जिले के 1722 आंगनबाड़ी केंद्रों पर 1722 सेविका तथा इतनी ही संख्या में सहायिका कार्यरत हैं. सहायिकाओं ने कहा कि नियुक्ति के बाद से ही वे आंगनबाड़ी केंद्र के संचालन के साथ कोरोना काल में घर-घर सर्वे, टीकाकरण कार्य तथआ चुनाव (बीएलओ) से जुड़ा कार्य पूरी तत्परता एवं गंभीरता से करती आ रही हैं. लेकिन उनकी मांगों को अभी तक पूरा नहीं किया गया. मानदेय के रूप में आंगनबाड़ी सेविका को 5400, सहायिका को 3100 तथा लघु आंगनबाड़ी सेविका को 4700 रुपया मिलता है. चुनाव से पहले हेमंत सोरेन ने सेविका को 10 हजार तथा सहायिका को 8 हजार रुपया महीना मानदेय का वादा किया था.


बजट में प्रावधान नहीं कर सरकार ने मंशा साफ की


आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिकाओं ने राज्य के वर्तमान बजट में उनके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है. इससे साबित होता है कि हेमंत सोरेन की सरकार की इस बारे में मंशा साफ नहीं है. प्रदेश अध्यक्ष माला कुमारी ने कहा कि उनका आंदोलन अब तेज होगा. उन्होंने कहा कि आज महिला दिवस पर पूरे राज्य के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर विरोध दर्ज कराया गया है. आनेवाले दिनों में कार्य बहिष्कार कर सरकार पर और दबाव बनाया जाएगा. मंगलवार को हुए प्रदर्शन में किरण देवी, पुष्पा देवी, फिरदौश खातून, यशोदा देवी, लीलावती देवी, मांती देवी, मुनिया मुंडा, सुनीता कुमारी सहित दर्जनों की संख्या में सेविकाएं मौजूद थीं.
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