
Abinash Mishra
Jamshedpur : शिक्षा विभाग के अनुसार जमशेदपुर के 154 स्कूल अप–टु- द-मार्क नहीं है, जिसको लेकर शिक्षा विभाग गंभीर हो गया है .बच्चो की लगातार घटती संख्या भी एक बड़ी वजह है कि सरकार सोचने पर विवश है. विभाग ने स्कूलों का सोशल ऑडिट कराने का मन बनाया है.
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खबरों के अनुसार कुल 37 बिंदु तैयार किये गये है, जिन पर स्कूलों को खरा उतारने की कोशिश होगी. पहले चरण में 53 स्कूलों में ऑडिट करने की योजना है. जिसमें जमशेदपुर,बोड़ाम और पटमदा इलाके के स्कूल शामिल होंगे. 25 सिंतंबर तक सभी स्कूलों का ऑडिट पूरा कर लेने का लक्ष्य तय किया गया है.
स्पेशल टीम का होगा गठन
ऑडिट करने के लिए शिक्षा विभाग टीम का गठन करेगा. टीम सभी स्कूलों का ऑडिट कर प्रमाण पत्र देगी. टीम सबसे पहले स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का स्तर जांचेगी. शिक्षकों ता संख्या बल भी देखेगी. इसके अलावा समय पर बच्चों के आने और शिक्षकों के स्कूल पहुंचने का समय भी नोट करेगी.
हर स्कूल की एक अलग रिपोर्ट होगी, जो विभाग में जमा की जायेगा. रिपोर्ट के अनुसार जो कमी होगी, उसे पूरा किया जायेगा अगर शिक्षकों के देर से स्कूल आने की शिकायत मिली तो उन पर कड़ाई होगी. शिक्षा विभाग की कोशिश है कि इन प्रयासों से सरकारी स्कूलों के प्रति अभिभावकों ता आकर्षण बढ़ाया जा सके, ताकि बच्चों की संख्या में इजाफा हो.
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पोषाक और मिड डे मील में भ्रष्टाचार
विभाग की सबसे बडी चिंता मिड डे मील और पोषाक वितरण में हो रहे भ्रष्टाचार को रोकने की है, जिसकी शिकायत लगातार मिलती है.जो पोषक आहार तय किया जाता है वो दिया नहीं जाता.पोषक आहार की गुणवत्ता पर सवाल हमेशा उठते रहे हैं. सरकार इसे लेकर कड़े कदम उटाने को तैयार भी है. टीम ये भी देखेगी कि स्कूलों में मिड डे मील समय से बच्चों को मिलता है या नहीं. इसका रख-ऱखाव स्कूलों में कैसे किया जाता है.
पोषाक भी स्कूल का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो बच्चों को स्कूल से मिलता है. लेकिन यह भी भ्रष्टाचार के चलते बच्चों को समय पर नहीं मिल पाता है. स्कूल प्रबंधन पोषाक के समय पर नहीं पहुचने का हवाला हमेशा देते रहते हैं टीम पोषाक के स्कूलों में पहुचने से लेकर बच्चों को मिलने तक हर स्टेज का भी आकलन करेगी.
समय पर मिले किताब
सरकार की सबसे बड़ी चुनौती किताबों को हर स्कूल तक पहुंचाने की है. यह समस्या दूर करने का प्रयास हमेशा से होता रहा है. लेकिन इस साल भी कई स्कूल अब तक किताबों के इंतजार में ही हैं. टीम इस पर भी काम करेगी और हर स्कूल तक किताब पहुंचाने का दो विक्लप तैयार करेगी, ताकि इसमें देरी न हो.
तय समय में ऑडिट करना बड़ी चुनौती
154 स्कूलों का ऑडिट सरकार 25 दिन में करना चाहती है, वो भी एक टीम के सहारे. जमशेदपुर शहरी इलाके को छोड़ बोड़ाम पटमदा जैसे इलाकों में स्कूलों तक पहुंचना ही मुश्किल है . ऐसे में क्वालिटी चेक तय समय पर पूरा करना इतना आसान नहीं. उसके अलावा शिक्षा विभाग के अपने सिस्टम में ढेर सारी खामी है. तालमेल का भी अभाव है. जिसे ठीक करने के बाद ही सरकारी स्कूल अप-टु-डेट हो सकेंगे. सरकार को 25 दिन से ज्यादा समय की जरुरत पड़ेगी.
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