
Ranchi: जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीदने को लेकर केंद्र सरकार द्वारा नए नियमों को मंजूरी दी गयी थी. इस फैसले के खिलाफ पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद पुलिस ने पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सहित कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है.
दरअसल पीडीपी कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को श्रीनगर स्थित पार्टी मुख्यालय से नए भूमि कानून के विरोध में रैली रखी थी. पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जैसे ही मुख्यालय पहुंचे उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
अपने ट्विटर हैंडल पर ये लिखा
पूर्व सीएम महबूबा ने केंद्र सरकार के कदम को लेकर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ”श्रीनगर में पीडीपी के ऑफिस को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने सील कर दिया है. कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है, जबकि वो लोग शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. आपकी नजर में क्या यही ‘सामान्य’ हालात हैं जो आप पूरी दुनिया को दिखा रहे हैं.”


उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा है कि हमलोग एकजुट होकर अपनी आवाज उठाते रहेंगे और डेमोग्राफी बदलने की केंद्र सरकार की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा के कई राजनीतिक दलों के गठबंधन ‘गुपकार घोषणा के लिए पीपल्स अलायंस’ ने भी मंगलवार को भूमि संबंधी कानूनों में संशोधन की निंदा की थी.




केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त करने के एक साल बाद कई कानूनों में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर से बाहर के लोगों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक राजपत्रित अधिसूचना में भूमि कानूनों में विभिन्न बदलावों की जानकारी दी है, जिनमें सार्वजनिक उद्देश्य के प्रतिष्ठान बनाने के लिये कृषि भूमि के इस्तेमाल की मंजूरी देना शामिल है.
नेशनल पैंथर्स पार्टी ने भी किया था विरोध
जम्मू-कश्मीर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल पैंथर्स पार्टी (एनपीपी) ने जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों को केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग सुगम बनाने वाले नए भूमि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए बुधवार को अलग- अलग प्रदर्शन किये थे. हालांकि प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने मुख्य सड़क पर मार्च करने से रोक दिया और बाद में वे शांति से तितर-बितर हो गए.
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तिरंगे के बारे में दिया था विवादास्पद बयान
पिछले सप्ताह रिहा होने के बाद पहली बार मीडिया से मुखातिब पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती द्वारा तिरंगे के बारे में दिये गये एक विवादास्पद बयान को लेकर उठे विवादों के बाद पार्टी द्वारा पहली बार यह कोई बड़ी राजनीतिक गतिविधि है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि जब तक जम्मू-कश्मीर को लेकर पिछले साल पांच अगस्त को संविधान में किए गए बदलावों को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक उन्हें चुनाव लड़ने अथवा तिरंगा थामने में कोई दिलचस्पी नहीं है. इस विवाद के बाद 26 अक्टूबर को पीडीपी के तीन वरिष्ठ नेताओं टी एस बाजवा, हसन अली वफा और वेद महाजन ने पीडीपी से इस्तीफा दे दिया था.
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