
ISRO: महासागरों के वैज्ञानिक अध्ययन और चक्रवातों पर नजर रखने के लिए इसरो ने शनिवार को तीसरी पीढ़ी के ओशियन-सैट का प्रक्षेपण किया. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का लोकप्रिय रॉकेट पीएसएलवी-सी54 इसे आठ अन्य नैनो उपग्रहों के साथ पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करेगा. यह प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया. 44.4 मीटर ऊंचे रॉकेट का यह पीएसएलवी-एक्सएल प्रारूप है, जिसमें 321 टन लिफ्ट ऑफ मास यानी खुद रॉकेट, बूस्टर, प्रोपेलेंट, उपग्रह व उपकरणों को अंतरिक्ष में ले जाने की क्षमता है. रॉकेट की यह 24वीं उड़ान है.
इसे भी पढ़ें: Constitution Day: PM मोदी बोले- भारत लोकतंत्र की जननी, संविधान को समझें युवा
इसरो के पीएसएलवी ने ओशनसैट को सफलतापूर्वक ध्रुवीय कक्षा (सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट) में स्थापित कर दिया. इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि पीएसएलवी-सी54 ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह को सफलतापूर्वक उसकी लक्षित कक्षा में स्थापित कर दिया है. इसे पूर्वाह्न 11 बजकर 56 मिनट के पूर्व निर्धारित समय पर लॉन्च किया गया. पीएसएलवी-सी54 के प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद इच्छित कक्षा में पहुंचने पर पृथ्वी अवलोकन उपग्रह या ओशनसैट सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया. इसके बाद इसे कक्षा में स्थापित कर दिया गया। मिशन को इस साल के लिए इसरो का आखिरी मिशन बताया जा रहा है.
PSLV-C54/EOS-06 Mission is accomplished. The remaining satellites have all been injected into their intended orbits. pic.twitter.com/5rFSRFzwWz
— ISRO (@isro) November 26, 2022
इसरो ने PSLV-C54 रॉकेट लांच करने के साथ ही आज भूटान के साथ द्विपक्षीय सहयोग में ऐतिहासिक आयाम जोड़ दिया. इसके जरिए महासागरों के अध्ययन के लिए ओशियन सैट सहित नौ उपग्रहों का प्रक्षेपण किया गया. इनमें भूटान का भी उपग्रह शामिल है. इस मौके पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भूटान का उपग्रह छोड़कर भारत ने दोनों विशेष मित्रों व पड़ोसी देश से रिश्तों में ऐतिहासिक मील का पत्थर पा लिया है. PSLV-C54 रॉकेट ओशियन सैट-3 समेत नौ नैनो उपग्रह ले गया है. इनमें एक भूटान का है. विदेश मंत्री ने कहा कि इसरो व भूटान के के अंतरिक्ष इंजीनियरों व वैज्ञानिकों की समर्पित टीम के साझा प्रयासों से यह मुमकिन हो सका है.
Congratulations to team @isro and @dittbhutan on the successful launch of India-Bhutan Sat today. https://t.co/ucLxttgmQZ pic.twitter.com/3DDlPq1wXW
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) November 26, 2022