
Sriharikota: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के गुरुवार को पृथ्वी की निगरानी करने वाले उपग्रह ‘ईओएस-03’ को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलतापूर्वक लॉन्च किया, लेकिन लॉन्चिंग के बाद तकनीकी समस्या आ गई. सैटेलाइट ने दो चरण सफलता पूर्वक पूरे किए, लेकिन 18 मिनट के बाद क्रायोजेनिक इंजन में तकनीकी गड़बड़ी आ गई. इसरो के चेयरमैन के सिवन ने जानकारी देते हुए बताया कि क्रायोजेनिक स्टेज में आई तकनीकी विसंगति के कारण GLSV-F10/EOS-03 मिशन पूरा नहीं हो सका.
GSLV-F10 launch took place today at 0543 Hrs IST as scheduled. Performance of first and second stages was normal. However, Cryogenic Upper Stage ignition did not happen due to technical anomaly. The mission couldn’t be accomplished as intended.
— ISRO (@isro) August 12, 2021
इसरो ने सुबह 5.43 बजे ईओएस-03 (EOS-03) की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की और सारे स्टेज अपने तय समय से अलग होते चले गए. लेकिन आखिरी स्टेज में EOS-3 के अलग होने से पहले क्रायोजेनिक इंजन में कुछ खराबी आ गई, जिसके बाद इसरो को आंकड़ें मिलने बंद हो गए. जांच के बाद मिशन कंट्रोल सेंटर में बैठे इसरो चीफ डॉ. के सिवन को इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद उन्होंने घोषणा करते हुए बताया कि EOS-3 मिशन आंशिक रूप से फेल हो गया है.
अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS) की सफल लॉन्चिंग के बाद यह प्राकृतिक आपदा की निगरानी में मदद करता. इसकी मुख्य विशेषता यह है कि यह चिन्हित किए गए किसी बड़े क्षेत्र की वास्तविक समय की छवियां लगातार अंतराल पर भेजता रहता. इसके अलावा यह प्राकृतिक आपदाओं के साथ-साथ किसी भी तरह की अल्पकालिक घटनाओं की त्वरित निगरानी में मदद करता. यह उपग्रह कृषि, वानिकी, जल निकायों के साथ-साथ आपदा चेतावनी, चक्रवात निगरानी, बादल फटने या आंधी-तूफान की निगरानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रयोग लाने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी देने का भी काम करता.